UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. सूबे की सत्ता में दोबारा काबिज होने के लिए बीजेपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ईमानदार और मुखर नेता के रूप में पेश करेगी. साथ ही, माफिया और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के अलावा नौकरियों और कोविड प्रबंधन जैसे सरकार के प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला जाएगा. पार्टी एक रिमाइंडर अभियान भी शुरू करेगी, जिसमें सपा और बसपा जैसी पार्टियों के कार्यकाल को याद किया जाएगा जब माफिया राज करते थे, जिनके खिलाफ योगी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की. इस अभियान के दौरान ‘फर्क साफ है’ (Fark Saaf Hai) और ‘भूले तो नहीं’ (Bhule To Nahi) के नारे लगाए जाएंगे.’
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में कोई हड़बड़ी नहीं करेगी और ‘दमदार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल, उत्तर प्रदेश में पहली बार कानून कैसे अपना काम कर रहा है और अपराधी सलाखों के पीछे हैं, इस बात को उजागर करने के लिए किया जाएगा. बिजली आपूर्ति के लिए अब पूरे राज्य के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है.
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बीजेपी का मानना है कि अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और इसने आम आदमी को संदेश दिया है कि योगी सरकार माफिया और अपराधियों के साथ कोई समझौता नहीं करने के अपने रुख पर कायम है. यह अभियान इस बात पर प्रकाश डालेगा कि कैसे अखिलेश यादव, मुलायम सिंह और मायावती की सरकारों के दौरान, मुख्तार अंसारी (पूर्वी यूपी) और अतीक अहमद (इलाहाबाद) जैसे माफिया से राजनेता हुआ करते थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की किसी ने हिम्मत नहीं की.
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बीजेपी अभियान के दौरान इस बात पर भी प्रकाश डालेगी कि वर्तमान सरकार बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाओं में कोई भेदभाव नहीं करती है. इससे पहले, जिले को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए वीआईपी के रूप में वर्गीकृत किया जाता था, जबकि अब पूरे राज्य के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है. बीजेपी का यह अभियान 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में योगी सरकार की कार्रवाई को भी उजागर करेगा. मोदी-योगी गठबंधन के प्रदर्शन के बारे में ‘डबल बोगी’ थीम भी केंद्र बिंदु होने की संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी का यह अभियान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से शुरू किया जाएगा, जिसके लिए पार्टी चुनाव की तारीखों की घोषणा का इंतजार नहीं करेगी. राम मंदिर के निर्माण और मुलायम सिंह सरकार के दौरान कारसेवकों की हत्या कैसे हुई, इसका उल्लेख अभियान के ‘भुले तो नहीं’ खंड में किया जाएगा.
Posted by : Achyut Kumar