UP Politics: समाजवादी पार्टी को चौतरफा घेरेगी बीजेपी, अखिलेश यादव के लिए बनायी यह खास रणनीति

यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने अखिलेश यादव के लिए खास रणनीति तैयार की है. इस रणनीति के तहत बीजेपी सूबे की सत्ता पर दोबारा काबिज होने की कोशिश करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2021 11:31 PM
an image

UP Politics: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी जंग तेज हो गयी है. सभी पार्टियों की नजर सूबे की सत्ता पर काबिज होने की है, जिसके लिए उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि इस बार की लड़ाई मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच होगी.

सीएनएन न्यूज 18 के मुताबिक, बीजेपी जहां तालिबान का समर्थन करने को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ेगी तो वहीं राम मंदिर का मुद्दा उठाकर हिंदू एकीकरण का भी प्रयास करेगी. इसके अलावा, अब्बा जान के आसपास मुद्दों को रखते हुए विभिन्न मोर्चों पर मुस्लिम तुष्टिकरण को उजागर करेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हालिया भाषणों में बार-बार इन मुद्दों का उल्लेख किया है.

Also Read: UP Assembly Election 2022: नोेएडा की इस विधानसभा सीट पर आज तक नहीं खुला सपा का खाता, BSP-BJP का ही रहा दबदबा
बिच्छू कहीं भी होगा, डंसेगा ही

समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने हाल ही में अफगानिस्तान में सत्ता में आने वाले तालिबान की तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से की थी, जिस पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इस पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने पूछा था, क्या तालिबान का समर्थन करने वाले लोगों ने कभी तीन तलाक के खिलाफ कानून आने की अनुमति दी थी?” उन्होंने कहा कि बिच्छू कहीं भी होगा वह डंसेगा ही.

राम मंदिर का निर्माण बीजेपी ही कर सकती है 

राम मंदिर भी एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है. सीएम योगी अपनी सभाओं में बार-बार अयोध्या में चल रहे मंदिर निर्माण का जिक्र करते हैं और जोर देकर कहते हैं कि यह केवल बीजेपी ही है जो ऐसा करती है. उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या राम सेवकों पर गोलियां चलाने वाले लोग राम मंदिर बनाएंगे? उन्होंने रविवार को खुद को भगवान राम और कृष्ण का भक्त कहने के लिए अखिलेश यादव पर हमला भी बोला.

राम मंदिर की गति अन्य पार्टियों की सरकार में होगी प्रभावित

सीएम योगी ने अपने हालिया भाषणों में बार-बार कहा है कि अखिलेश यादव जैसे नेता अपने मुस्लिम वोट-बैंक को ठेस पहुंचाने के डर से पहले मंदिरों में नहीं जाते थे. बीजेपी लोगों को यह समझाने की भी कोशिश कर रही है कि राम मंदिर के निर्माण की गति उत्तर प्रदेश में किसी भी अन्य सरकार के तहत प्रभावित होगी.

Also Read: सपा कर रही हमारी नकल, कांग्रेस का नहीं खुलेगा खाता, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी पर बरसे केशव प्रसाद मौर्य
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सपा और कांग्रेस पर बोला हमला

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का भी यह कहना है कि अगर राम मंदिर बनाना सांप्रदायिक है, तो उन्हें सांप्रदायिक कहे जाने का कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भगवान राम के अस्तित्व को खारिज कर दिया जबकि सपा ने राम सेवकों पर फायरिंग की थी.

‘अब्बाजान’ से सपा पर वार

सपा द्वारा कथित मुस्लिम तुष्टीकरण को लक्षित करने के लिए बीजेपी ने कई अन्य मुद्दों को ‘अब्बाजान’ के तहत जोड़ दिया है. सीएम योगी ने रविवार को कहा कि जो लोग ‘अब्बाजान’ कहते हैं, वे गरीबों के लिए भेजे गए मुफ्त राशन को खा जाते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त होकर गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों पर कब्जा कर लेते हैं. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ मामलों को छोड़ने की कोशिश की, लेकिन सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा.

Also Read: UP News: अगर कोई नौकरी नीलाम करने का प्रयास करेगा तो उसके घर को नीलाम करा दिया जाएगा, विपक्ष पर गरजे सीएम योगी
अब्बाजान कहने से अखिलेश को क्या समस्या है

आदित्यनाथ ने पहले राज्य विधानसभा में भी अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें समस्या क्यों है जब उनके पिता मुलायम सिंह यादव को अब्बाजान कहा जाता है, क्योंकि पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण में विश्वास करती है. इस मामले में बीजेपी ने सपा पर तभी से निशाना साधना शुरू कर दिया था, जब मुख्तार के अंसारी के बड़े भाई सबतुद्दीन अंसारी अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में शामिल हुए थे.

Posted by: Achyut Kumar

Exit mobile version