UP Politics : आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहले योगी सरकार (Yogi Government) शिक्षा मित्रों का मानदेय ( Siksha Mitra Honararioum) बढ़ा सकती है. इसके साथ ही सरकार एक लाख से अधिक बेरोजगारों को गांवों में ही मानदेय पर रोजगार (Job) देने की तैयारी कर रही है. वहीं सरकार के इस फैसले पर बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Maywati) ने निशाना साधा है. मायावती ने इसे विलंब से उठाया गया कदम करार दिया है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, अगर यह खबर सही है कि यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ सकता है शिक्षा मित्रों का मानदेय तो यह काफी विलम्ब से उठाया गया कदम है. यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिये था जबकि चुनाव के नजदीक ऐसे फैसले करना कांग्रेसी कल्चर रहा है, जिस पर अब भाजपा भी चल रही है. जनता यह सब समझती है.
1. अगर यह खबर सही है कि यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ सकता है शिक्षा मित्रों का मानदेय तो यह काफी विलम्ब से उठाया गया कदम है जो यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिये था जबकि चुनाव के नजदीक ऐसे फैसले करना कांग्रेसी कल्चर रहा है जिसपर अब भाजपा भी चल रही है। जनता यह सब समझती है।
— Mayawati (@Mayawati) July 26, 2021
बसपा सुप्रीमों ने आगे लिखा, जबकि बीएसपी की कार्यशैली ऐसी संकीर्ण चुनावी सोच से हमेशा अलग व पाक-साफ रही है. इसी कारण सन् 2007 में सरकार बनते ही हमने अपरकास्ट की भर्ती पर लगी रोक को तुरन्त हटाया जिससे फिर इस पूरे समाज को भरपूर लाभ हुआ तथा उन्हें यहाँ वर्षों बाद बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी मिली.
बता दें, प्रदेश में कोरोना काल में रोजगार छिनने से काफी लोग बेरोजगार हो गए हैं. प्रवासी श्रमिकों में से भी कई श्रमिक तीसरी लहर के भय से अभी गांव में ही रुके हुए हैं. लिहाजा सरकार ने ऐसे लोगों को गांवों में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ विभागों में मानदेय पर भर्तियां शुरू की है.
बीते दिनों कैबिनेट बैठक में 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक पंचायत सचिव कम अकाउंटेंट को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया. प्रत्येक पंचायत सचिव को 6 हजार रुपये महीने मानदेय दिया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि विधानसभा चुनाव से पहले 58 हजार से अधिक युवाओं को मानदेय पर रोजगार मिल सके.
इसके साथ ही प्रदेश सरकार मनरेगा में कामकाज के पर्यवेक्षण के लिए 22 हजार महिला मेठ की नियुक्ति करेगी, जिनका चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (State Rural Livelihood Mission) के तहत संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए किया जाएगा. प्रत्येक महिला मेठ को 8 हजार 400 रुपये प्रति महीने मानदेय मिलेगा. प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत महिला मेठ नियुक्त करने का निर्णय लिया है. प्रदेश में वर्तमान में करीब 22 लाख से अधिक श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा में काम कर रहे हैं. ऐसे में करीब 44 हजार मेठ नियुक्त होने है, इनमें से 22 हजार महिला मेठ नियुक्त की जाएंगी.
प्रदेश सरकार सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने की तैयारी में है. 35 हजार 512 ग्राम पंचायतों में महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शौचालय संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके लिए समूह की एक महिला को छह हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा. वहीं शौचालय में साफ-सफाई की सामग्री व उपकरण खरीदने के लिए तीन हजार रुपये महीने अतिरिक्त दिया जाएगा.
Posted by : Vishwat Sen