Roadways Fare: यूपी रोडवेज में सफर हुआ महंगा, जानें बरेली से दिल्ली-लखनऊ के लिए कितने ज्यादा देने होंगे पैसे
यूपी रोडवेज के सफर में 25 पैसे प्रति किमी का इजाफा करने की तैयारी है. इससे बरेली से दिल्ली का रोडवेज बस किराया 64 रुपए और लखनऊ का किराया 61 रुपए महंगा हो जाएगा.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने एक बार फिर किराए में इजाफा करने का फैसला लिया है. इस बार रोडवेज के सफर में 25 पैसे प्रति किमी का इजाफा करने की तैयारी है. इससे बरेली से दिल्ली का रोडवेज बस किराया 64 रुपए और लखनऊ का किराया 61 रुपए महंगा हो जाएगा.
कहां से कहां तक कितना बढ़ा किराया
बरेली से दिल्ली का किराया 317 था, जो बढ़कर 381 रुपए हो जाएगा, लखनऊ का किराया 309 था, जो बढ़कर 370 रुपए हो जाएगा, बरेली से मुरादाबाद का किराया 115 था, जो 138 रुपए हो जाएगा, पीलीभीत का 64 से 77 रुपए, बदायूं का 62 से 76 रुपए, शाहजहांपुर का 107 से 130 रुपए, आगरा का 279 से 332 रुपए, मथुरा का 255 से 310 रुपए किराया हो जाएगा. रोडवेज बस का किराया बढ़ने के प्रस्ताव से यात्रियों में काफी गुस्सा है. उनका कहना है कि रोडवेज ने बसों में सुविधाएं नहीं बढ़ाई हैं. मगर, किराया लगातार बढ़ाया जा रहा है. यह गलत है, लेकिन यात्रियों की कोई सुनने को तैयार नहीं है.
पिछले 10 वर्ष में रोडवेज बस किराए में 52 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा हुआ है. मगर, कोई सुविधा नहीं बढ़ी. रोडवेज ने 2012 में 4 पैसे की वृद्धि की थी. इस पर भी यात्रियों ने नाराजगी जताई थी. इसके बाद 2013 में फिर 4 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया था. 2017 में 9 पैसे और 2020 में 10 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया था. मगर, इस बार एक साथ 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाने की तैयारी है.
बसों के शीशे टूटे, सीट खराब
रोडवेज बसें काफी पुरानी हो गई हैं. उनके शीशे भी टूट गए हैं. यात्रियों को टूटे शीशों के कारण काफी दिक्कत होती है. बस की सीट भी काफी खराब हैं.अधिकांश बस समय पर मंजिल पर नहीं पहुंचा पाती. इससे अक्सर यात्री नाराजगी भी जताते हैं. मगर, कोई सुनवाई नहीं होती. किराया बढ़ने के प्रस्ताव पर यात्री राम अवतार का कहना है कि किराए में लगातार इजाफा हो रहा है. सुविधाएं काफी बदतर हैं.
बसों में फर्स्ट एंड बॉक्स नहीं
रोडवेज बसों में यात्रियों को चोट लगने एवं कोई हादसा होने पर यात्रियों को इलाज भी नहीं मिल पाता है, जबकि नियमानुसार हर बस के अंदर फर्स्ट एंड बॉक्स की सुविधा होनी चाहिए.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली