UP के स्कूलों से बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या में आई गिरावट, ड्रॉपआउट के आंकड़ों में सुधार दर्ज
सरकार ने अगले पांच साल में ड्रॉपआउट के प्रतिशत को पांच फीसदी और कम करने का लक्ष्य रखा है. माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं में सुधार और बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने के बाद शैक्षणिक माहौल बेहुतर हुआ है. इसीलिए रिटेंशन और ट्रांजीशन दर में लगातार इजाफी हुआ है.
Lucknow News: यूपी में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ सुधार हुआ है. आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या में काफी कमी आई है. सत्र 2016-17 में स्कूल से ड्रॉपआउट करने वालों की संख्या 22.13 फीसद थी, जो बीते पांच सालों में आठ प्रतिशत गिरकर 14.41 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
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नामांकन दर भी पांच साल में काफी बेहतर
माध्यमिक शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बीच में पढ़ाई छोड़ने के ग्राफ में गिरावट से इंटर तक की शिक्षा ग्रहण करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ है. सरकार ने अगले पांच साल में ड्रॉपआउट के प्रतिशत को पांच फीसदी और कम करने का लक्ष्य रखा है. माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं में सुधार और बड़े पैमाने पर शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने के बाद शैक्षणिक माहौल बेहुतर हुआ है. इसी का प्रभाव है कि रिटेंशन और ट्रांजीशन दर में लगातार इजाफी हुआ है. माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन दर भी पांच साल में काफी बेहतर हुई है.
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ट्रांजीशन और रिटेंशन दर पर नजर
सत्र 2016-17 में रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या 94 लाख 92 हजार थी, जो शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बढ़कर एक करोड़ 27 लाख तक पहुंच गई. सरकार अगले 5 सालों में माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में 15 प्रतिशत तक और बढ़ोत्तरी करने की कार्य योजना पर विचार किया जा रहा है. इसी क्रम में रिटेंशन दर भी 52.04 प्रतिशत से 57.05 फीसद पहुंच चुका है. बीते पांच साल में ट्रांजीशन दर भी 75.26 से बढ़कर 87.05 प्रतिशत तक पहुंच गई है. अगले पांच साल की योजना के तहत योगी सरकार ट्रांजीशन दर में 7 और रिटेंशन दर में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करने का लक्ष्य तय किया गया है.