Loading election data...

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया, उत्तर प्रदेश में किसके साथ गठबंधन करेगी बसपा?

यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर बसपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया है कि बसपा यूपी में किसके साथ गठबंधन करेगी और किसके साथ नहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2021 11:06 PM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि वे यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे. उन्होंने दावा किया कि बसपा 2022 में पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाएगी. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हम विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, लेकिन किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे और न ही उसका समर्थन लेंगे.

बीजेपी से नहीं करेंगे गठबंधन

बसपा महासचिव ने कहा कि हम बीजेपी से किसी भी हाल में गठबंधन नहीं करेंगे. न चुनाव से पहले और न ही चुनाव के बाद. उनका यह बयान इन अटकलों के बीच आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि बसपा 2022 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है.

Also Read: यूपी चुनाव से पहले बसपा नेता अजीत बालियान भाजपा में शामिल, मायावती को होगा नुकसान?
बसपा ने बीजेपी और सपा के साथ किया है गठबंधन

दरअसल, बहुजन समाज पार्टी ने बीजेपी और सपा, दोनों के साथ मिलकर यूपी में सरकार बनायी है. सपा के साथ 1993 में बसपा ने गठबंधन किया था, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि दोनों पार्टियों का गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चल पाया और 1995 में दोनों अलग हो गईं. इसके बाद बीजेपी के बसपा को समर्थन देने से मायावती मुख्यमंत्री बनीं थीं.

मायावती चौथी बार बनीं यूपी की मुख्यमंत्री

मायावती ने इसके बाद 1997 और 2002 में बीजेपी के साथ गठबंधन कर अपनी सरकार बनायी थी. दलित और ब्राह्मण वोट बैंक के दम पर बसपा ने 2007 में फिर से अपनी सरकार बनायी और मायावती चौथी बार यूपी की मुख्यमंत्री बनीं. इस चुनाव में बसपा को 206 सीटें मिली थीं.

Also Read: मायावती ने BJP पर बोला हमला, कहा- हवा-हवाई साबित हो रही सरकारी मदद, BSP के लोग करें बाढ़ पीड़ितों की मदद
ब्राह्मण वोट बैंक पर मायावती की नजर

बता दें, प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मायावती की नजर ब्राह्मण वोट बैंक पर है. वह एक बार फिर ब्राह्मण समाज को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं और 2007 के नतीजे को दोहराना चाहती हैं. बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा खुद एक ब्राह्मण हैं. वे मायावती के बेहद करीबी हैं. उन्हें ही बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन की जिम्मेदारी दी गई. 2007 में उन्होंने जो चुनावी रणनीति तैयार की थी, उसी की बदौलत मायावती सूबे की सत्ता पर आसीन हुई थीं.

Posted by : Achyut Kumar

Next Article

Exit mobile version