उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का एजेंडा अहम भूमिका निभायेगा. चुनावी तैयारी में लगी सभी राजनीतिक पार्टियों की रणनीति इसी तरफ इशारा कर रही है. सभी पार्टियों हिंदुत्व के एजेंडे को ध्यान में रख रही है. भारतीय जनता पार्टी लगातार हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ती रही है.
गुरु पुर्णिमा के मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं से संतों के आशीर्वाद लेने के लिए कहा था. बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मण वोटबैंक पर निशाना साधने के लिए हिंदुत्व पर फोकस कर रही है.
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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 8 महीने का वक्त बचा है. ऐसे में चुनावी रणनीति से पहले पार्टी को अपनी छवि, अपनी योजना, अपनी रणनीति तय करनी है. भारतीय जनता पार्टी के हिंदुत्व एजेंडा को साधने के लिए इस तरफ फोकस कर रही है.
बहुजन समाजवादी पार्टी ने बड़ा रणनीतिक बदलाव किया है. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा का यह बदलाव रणनीतिक इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि पार्टी ने ना सिर्फ राज्य के स्तर पर बल्कि केंद्रीय स्तर पर भी अपने रणनीति बदली है.
बहुजन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीष चंद्र मिश्रा ने अयोध्या में प्रार्थना सभा का आयोजन किया और दूसरी जगह पर भी मंदिर में इसी तरह का एक धार्मिक आयोजन आयोजित किया.
जब पार्टी की रणनीति में इस बदलाव के संबंध में उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मैं ब्राह्मण हूं और इस नाते मुझे पूजा पाठ के लिए बचपन से निमंत्रण आते हैं. पार्टी में इसे लेकर कभी किसी भी तरह की रोक नहीं की गयी है. क्या यह भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे का जवाब है इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा गलत है. हिंदुओं के लिए उनके पास कोई एजेंडा नहीं है. वह लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं ने अखिलेश यादव से मुलाकात की है. इस मुलाकात में उनसे भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने का आग्रह किया है. अखिलेश यादव ने पहले ही वादा किया है कि अगर सपा सत्ता में आयी तो वह भगवान परशुराम की प्रतिमा बनायेंगे.
इस मामले पर समाजवादी पार्टी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हिंदुत्व का एजेंडा समाजवादी पार्टी में लंबे समय से है. हम भाजपा को जवाब देने के लिए यह नहीं क रहे हैं . भगवान परशुराम की प्रतिमा पर पार्टी के कार्यकर्ता और संस्था के लोग काम कर रहे हैं पार्टी को उनका पूरा समर्थन है.
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राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार इस वक्त ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी राजनीति से प्रभावित करने के लिए हिंदुत्व का ऐजेंडा जरूरी है. इसके बगैर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच नहीं बनायी जा सकती है. यूपी में आजकल सभी पार्टियां अपना जनाधार मजबूत करने में लगी है. यही कारण है कि यूपी में चुनावी रणनीति हिंदुत्व एजेंडे के साथ बदल रही है.