UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मानसून आने के लगभग तीन सप्ताह बाद भी राज्य के 75 में से 71 जिलों में कम बारिश होने से खरीफ फसलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. ऐसे में यूपी वालों को अच्छी बारिश का इंतजार है. जुलाई का आधा महीना लगभग बीत चुका है, लेकिन चिलचिलाती धूप से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. वहीं धान की रोपाई के बाद किसान भी आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार,18 जुलाई से प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान है, जोकि 23 जुलाई तक जारी रहने की उम्मीद है.
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल कुल 75 में से 71 जिलों में एक जून से 15 जुलाई के बीच कम बारिश हुई है. कौशांबी इस साल 98 फीसदी कम बारिश वाला सबसे शुष्क जिला है. कौशांबी और 55 अन्य जिलों को कम बारिश वाले जिलों में चिन्हित किया गया है. इस मानसून में अब तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ औसतन 77.3 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 65 फीसदी कम है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में केवल औसतन 77.2 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 243.5 मिमी बारिश से 68 प्रतिशत कम है.
इसी तरह, पश्चिम उप्र के जिलों में औसतन 77.5 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य 187.1 मिमी से 59 प्रतिशत कम है. कम वर्षा के कारण राज्य के गन्ना और धान उत्पादक क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हो सकता है. इसका असर खरीफ फसलों के उत्पादन पर पड़ने की संभावना है. इस सीजन में कम बारिश के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के संबंधित विभागों को सतर्क किया है.
योगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मानसून की कमी से खरीफ फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इसके लिए किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए तैयारी करनी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए. इसके लिए उन्होंने कृषि, सिंचाई, राहत और राजस्व विभाग की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की है.