Lucknow News: ललितपुर कांड को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान ले लिया है. आयोग की ओर से इस पूरे कांड पर प्रदेश के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही, जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, मामले का खुलासा होने के बाद फरार आरोपी एसएचओ तिलकधारी प्रयागराज से पकड़ लिया गया है. यह जानकारी ADG प्रयागराज जोन प्रेम प्रकाश ने दी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर में मानवता को शर्मसार करते हुए सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को थाना प्रभारी ने भी अपनी हवस का शिकार बनाया है. अब इस घटना पर आम लोगों से लेकर नेताओं का भी गुस्सा फूटा है. विपक्षी नेताओं ने इस घटना को लोकर योगी सरकार को आड़े हाथ लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पीड़िता से मिलने के लिए ललितपुर रवाना हुए. वहीं मामला के राजनीतिक रंग लेते ही प्रशासनिक महकमा हरकत में आया है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पूरे कांड पर प्रदेश के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही, जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
इस मामले में पहले ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.अब पूरे पुलिस थाना को ही लाइन हाजिर कर दिया गया है. सरकार के स्तर पर हुई कार्रवाई की जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि डीआईजी झांसी को मामले की जांच करने और एसएचओ पर आरोप लगाने वाली परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए रिपोर्ट सौंपने को कहा है. सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. तीन आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं. मामले में आरोप है कि ललितपुर के पाली थाने के एसओ तिलकधारी सरोज ने किशोरी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. इस दौरान उसने थाना परिसर में बने अपने कमरे में किशोरी से दुष्कर्म किया. आरोपी इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और इंस्पेक्टर सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा पाली थाने में दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल को चार लोग नाबालिग को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए. आरोप है कि चारों उससे दुष्कर्म करते रहे. वहीं किशोरी की मां अपनी बेटी के लापता होने का मुकदमा दर्ज कराने के लिए 23 अप्रैल को पुलिस कप्तान के पास पहुंची. एसपी ने थाना पुलिस को निर्देश दिए कि तत्काल किशोरी को बरामद किया जाए. वहीं नाबालिग के मिलने के बाद आरोप है कि थाना इंचार्ज ने 27 अप्रैल को दिन में किशोरी के बयान दर्ज किए और फिर शाम को उसे थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले गया और वहां दुष्कर्म किया.