Loading election data...

जिले में पहुंचने लगे गैर प्रांतों में फंसे यूपी के मजदूर, जांच करने के बाद किया गया क्वारेंटाइन

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल के बाद यूपी के गैर प्रांतों में फंसे मजदूरों को घर वापसी रविवार की रात से ही शुरू हो गई. गैर प्रांतों से पैदल चलकर घर लौट रहे 39 श्रमिकों को रोडवेज बस ने रात में बस स्टेशन पर उतारा.

By Radheshyam Kushwaha | April 27, 2020 10:07 PM
an image

बलिया: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल के बाद यूपी के गैर प्रांतों में फंसे मजदूरों को घर वापसी रविवार की रात से ही शुरू हो गई. गैर प्रांतों से पैदल चलकर घर लौट रहे 39 श्रमिकों को रोडवेज बस ने रात में बस स्टेशन पर उतारा. जहां पर तैनात स्वास्थ्य एवं चिकित्सा महकमे के अफसरों ने जांच करने के बाद उसे क्वारेंटाइन करने के लिए नियत सेंटरों पर भेजा गया. जबकि सोमवार की दोपहर बाद रोडवेज बस स्टैंड पर उतारा गया. जिनकी जांच करने के बाद उन्हें भी क्वारंटाइन कराने के लिए एक आइसोलेशन सेंटर पर भेज दिया गया. गैर प्रांतों में फंसे लोगों को जिले में बुलाने के लिए सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों से वादा किया था.

क्वारेंटाइन के दौरान रोजगारपरक प्रशिक्षण देने की पहल

जिसे पूरा कराते हुए प्रदेश सरकार ने रोडवेज और निजी बसों के जरिए हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में फंसे लोगों को बुलाने की कवायद शुरु कर दिया. जिसमें से एक दो बसें शाम तक जिले में पहुंचने शुरू हो गए थे. सूत्रों की मानें तो करीब एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद मजदूर भी कम परेशान नहीं थे. इस दौरान कई मजदूरों ने काम बंद होने के बाद वहां से पैदल ही चल दिये थे. इस दौरान उन्होंने यूपी की सीमा में रोक दिया गया था. जिनमें से कई मजदूर इटावा और मेरठ जिले में रोके गये थे. उन्हें बसों में भरकर अलग-अलग जनपदों में भेजना शुरु किया गया. जिसमें रविवार की रात में 39 लोग बलिया रोडवेज पर पहुंचे. जबकि 14 लोग मेरठ से बस में बैठाकर भेजा गया था. उन्हें रोडवेज पर भेजा गया था.

डीएम श्री शाही ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत देश के विभिन्न महानगरों में कार्य करने वाले व्यक्ति भारी संख्या में जनपद में वापस आ रहे हैं. छह हजार से अधिक व्यक्ति जनपद में वापस आ चुके हैं, जबकि विभिन्न महानगरों में फंसे व्यक्तियों को चरणबद्ध रूप से वापस लाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है और वापसी शुरू भी है. आने वाले व्यक्तियों में अधिकांश छोटे उद्योग, व्यवसाय, दैनिक मजदूरी तथा फैक्ट्रियों में कार्य करने वाले मजदूर हैं, जिनकी संभावित संख्या 10 हजार के आसपास है.

इस प्रकार कुशल व अकुशल श्रेणी के दैनिक मजदूरों की संख्या लगभग 16 हजार होंगे. ऐसे व्यक्तियों को मनरेगा के अतिरिक्त रोजगार के अन्य अवसर भी उपलब्ध कराने के लिए जनपद में एक समेकित कार्ययोजना बनाने का प्रयास हो रहा है. इसके लिए संयुक्त मजिस्ट्रेट/उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (स्वतः रोजगार) अन्नपूर्णा गर्ग को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. इनके द्वारा ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में आ रहे इन अतिरिक्त लोगों का सर्वे कराकर एक कार्ययोजना तथा उसके क्रियान्वयन की कार्यवाही की जाएगी. रोजगार क्षेत्र में कार्य करने वाले विभाग इनके निर्देशन में काम करेंगे.

Exit mobile version