लखीमपुर खीरी (UP Zila Panchayat Adhyaksh Election Result ) : 65 जिलों में जीत का परचम लहराने वाली भाजपा का एक ऐसा भी प्रत्याशी विजयी हुआ जिसे अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम नहीं मालूम. और तो और, अपने जिले के जिस डीएम से वह जीत का प्रमाणपत्र लेकर निकले थे, उसका भी नाम उन्हें नहीं पता था.
दरअसल, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट होने की वजह से यहां पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन सिंह के पति नरेंद्र सिंह ने अपने यहां काम करने वाले ओमप्रकाश भार्गव ने चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे थे. भाजपा ने भी ओमप्रकाश को ही टिकट दे दिया. शनिवार को हुई मतगणना में ओमप्रकाश भार्गव जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गए.
चुनाव जीतने के बाद जब वह कलक्ट्रेट से बाहर निकले तो मीडिया कर्मियों ने उन्हें घेर लिया. वह पहले से सिखाई गई बातें ही दोहराते रहे तो अचानक उनसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम पूछा गया. इस पर उन्होंने रामनाथ कोविंद कह दिया. राष्ट्रपति का नाम बता दिया. हद तो तब हो गई जब वह लखीमपुर के डीएम का भी नाम नहीं बता पाए. चुनाव लड़ाने वालों को शायद मीडिया से एेसे सवालों की उम्मीद न रही होगी.
75 में से 67 जिलों में जीत, सपा को सिर्फ 5 सीटों पर मिली कामयाबी : सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने नामांकन व नाम वापसी के दिन जैसा सियासी करिश्मा फिर दिखा दिया. जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 75 में से 67 जिलों में उसके प्रत्याशी जीते. वहीं, समाजवादी पार्टी को सिर्फ पांच जिलों में ही कामयाबी मिली. बता दें, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में 22 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ. शनिवार को 53 सीटों के लिए हुए मतदान में भाजपा ने 46, सपा ने चार सीटें जीतीं. रालोद, जनसत्ता दल व निर्दलीय ने एक-एक जिले में जीत दर्ज की. सपा को एटा, इटावा (निर्विरोध), आजमगढ़, संतकबीर नगर और बलिया में जीत मिली. बागपत में सपा के सहयोगी रालोद की उम्मीदवार ममता जयकिशोर निर्वाचित हुई हैं. जौनपुर में बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी डॉ. श्रीकला रेड्डी और प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल की माधुरी पटेल अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं. लखनऊ समेत शेष जिलों में भाजपा ने जीत दर्ज की. इसमें 21 स्थानों पर नाम वापसी के दिन तक निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे.
सपा का 63 सीटों का रिकॉर्ड टूटा : भाजपा ने सपा के वर्ष 2016 में 63 सीटों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस बार जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद राजनीतिक पंडित मान रहे थे कि अध्यक्ष चुनाव में भाजपा यह रिकार्ड नहीं तोड़ पाएगी, लेकिन सरकार व संगठन की साझा रणनीति से यह संभव हो सका. यहां तक कि सपा के गढ़ माने जाने वाले कन्नौज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, बदायूं, फर्रुखाबाद, रामपुर, अमरोहा, मुरादाबाद और संभल में भी भाजपा के प्रत्याशी जीते.
बसपा लड़ी ही नहीं, कांग्रेस को एक भी सीट नहीं : बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया था. कांग्रेस ने जालौन और अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में उम्मीदवार खड़े किए थे. उसे दोनों जगह हार का सामना करना पड़ा. पिछले चुनाव में सिर्फ रायबरेली में ही कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष था.
Posted By : Amitabh Kumar