बनारस में मेडिकल में एडमिशन के लिए हो रही नीट की परीक्षा में पुलिस ने एक परीक्षार्थी को गिरफ्तार किया है. मेडिकल में पास कराने के लिए बीएचयू की सेकेंड इयर की छात्रा जूली कुमारी को सॉल्वर के रूप में परीक्षा में बैठाया गया था. लेकिन जूली परीक्षा केंद्र पर पकड़ी गयी और फिर उसकी मां बबिता कुमारी व परीक्षा पास कराने वाले सेटर गिरोह के दो सदस्य खगड़िया निवासी विकास कुमार व गाजीपुर के मोहम्मदाबाद निवासी ओसामा को बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस ने पकड़ लिया है. इन लोगों से पूछताछ के बाद ही यह सामने आया कि सॉल्वर गैंग का सरगना पटना का पीके है. हालांकि उसका पूरा नाम वे लोग भी नहीं बता पाये. इधर, बनारस क्राइम ब्रांच की पुलिस ने पटना पुलिस से भी संपर्क साधा है.
पटना के संदलपुर वैष्णवी कॉलोनी की रहने वाली है सॉल्वर जूली
जूली पटना के संदलपुर वैष्णवी कॉलोनी की रहने वाली है. उसके पिता सब्जी विक्रेता है और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. लेकिन जूली ने पढ़ाई की बदौलत बीएचयू में फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंस में एडमिशन लिया था और अभी सेकेंड इयर में है. इसने अपने सेमेस्टर में टॉप भी किया था.
पांच लाख में हुई थी बात, 50 हजार दिया गया था एडवांस
सॉल्वर गिरोह वैसे मेधावी छात्र को अपना निशाना बनाता है, जो पढ़ने में तेज होते हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है. क्योंकि वैसे छात्र आसानी से पैसे के लिए स्कॉलर बनने के लिए तैयार हो जाते हैं. खास बात यह है कि स्कॉलर गिरोह को मेधावी छात्रा की सबसे अधिक जरूरत होती है.क्योंकि किसी भी छात्रा को परीक्षा में पास कराने में लड़की स्कॉलर की भूमिका अहम होती है. और, यह आसानी से नहीं मिलती है. इसके कारण सॉल्वर गिरोह ने छात्रा जूली को पांच लाख देना स्वीकार कर लिया था और 50 हजार एडवांस भी दे दिया था.
जूली के भाई की दोस्ती थी सॉल्वर गैंग के सदस्य से
जानकारी के अनुसार, बनारस के क्राइम ब्रांच ने पकड़े गये तमाम लोगों से पूछताछ की तो यह जानकारी मिली कि जूली का भाई अभय कुमार कुशवाहा की दोस्ती खगड़िया जिले के बेला सिकड़ी गांव निवासी विकास कुमार से थी. विकास सॉल्वर गैंग से जुड़ा था. उसे जब अभय से यह जानकारी मिली कि उसकी बहन बीएचयू में पढ़ रही है और काफी मेधावी छात्रा है तो फिर उसने पांच लाख रुपये का प्रलोभन दिया. लेकिन यह इतना आसान नहीं था. इसके बाद विकास ने जूली की मां बबिता से बात की तो वह तैयार हो गयी और फिर आर्थिक स्थिति का हवाला देकर जूली को भी परीक्षा में बैठने के लिए मना लिया.
सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में बने सेंटर में पकड़ी गयी सॉल्वर
जानकारी के अनुसार रविवार को सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में बनाये गये सेंटर में नीट की परीक्षा आयोजित की गयी थी. बबिता अपनी बेटी जूली को लेकर सेंटर पर पहुंची थी. परीक्षा के दौरान जूली पर वीक्षकों को शक हुआ और फिर जांच की गयी तो वह फर्जी परीक्षार्थी निकल गयी. इसके बाद उसकी मां बबिता को भी बनारस क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया और फिर जूली व बबिता के मोबाइल फोन को खंगाला गया. इससे विकास व ओसामा का नाम सामने आ गया. इसके बाद उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. क्राइम ब्रांच ने एडमिट कार्ड की जांच की तो यह पता चला कि जूली का चेहरा परीक्षार्थी से मिलता जुलता था. इसके साथ ही फोटोशॉप की मदद से फोटो को ऐसा कर दिया गया था कि एकबारगी देखने पर कोई भी नहीं पकड़ सकता था. जूली ने बनारस पुलिस के समक्ष बताया कि परीक्षा में बैठने से पहले परीक्षार्थी के हस्ताक्षर करने के लिए कई बार प्रैक्टिस भी करायी गयी.
2019 बैच की है छात्रा जूली
बीएचयू में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के डेंटल साइंसेट फैकल्टी में 2019 बैच की छात्रा है. इसने नीट परीक्षा में 720 में से 522 अंक प्राप्त किया था.