Bareilly News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रयागराज (इलाहाबाद) तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे पर काफी तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसका शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को बरेली मंडल के शाहजहांपुर में किया था. मगर, अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा करने की हिदायत दी गई है, जिससे किसानों की नाराजगी के बीच वेस्ट यूपी से इलाहाबाद तक के मतदाताओं को साधा जा सके.
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के अधिकारियों का दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे पर युद्धस्तर पर काम हो रहा है. एक्सप्रेस-वे के किनारे सर्विस रोड भी बनाई जाएगी. जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. एक्सप्रेस-वे पर मिट्टी के समतलीकरण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. किसानों को मुआवजा देने का काम शुरू है.
इसके साथ ही गंगा एक्सप्रेस-वे पर आवारा पशुओं की आवाजाही रोकने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे कंक्रीट की चारदीवारी का निर्माण किया जाएगा. जिससे एक्सप्रेस-वे पर कोई आवारा पशु न आ सके. इससे हादसे भी कम होंगे. पर्यावरण मंत्रालय से पिछले वर्ष 20 नवंबर को क्लियरेंस मिल गया है. राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी ने आदेश जारी कर दिया था. किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले पर्यावरण विभाग से क्लियरेंस लेना पड़ता है.
गंगा एक्सप्रेस-वे की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले चरण में सबसे अधिक काम किया गया है. यह मेरठ के बिजौरी से बदायूं तक है. पहले चरण में 129.700 किमी में से 109.500 किमी का कार्य पूरा हो गया है. दूसरे चरण में 151.700 किमी में से 107.665 किमी का कार्य पूरा हो गया है. तीसरे चरण में 155.700 किमी में से 89.670 किमी कार्य पूरा है. सबसे कम चौथे चरण में 156.847 किमी में से सिर्फ 85.498 मिट्टी समतलीकरण कार्य हुआ है.
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जूडापुर गांव से जुड़ेगा. ये हाईवे एक तरह से पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल को कनेक्ट करेगा यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों को जोड़ेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (आईआईडीसी) संजीव मित्तल की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने फाइनेंशियल बिड खुली थी. इसमें करीब 36 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट के लिए कुल तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी. इसे चार ग्रुप में बांटा गया है. इसमें से तीन को पूरा करने की जिम्मेदारी अडानी ग्रुप को मिली है, जबकि मेरठ से अमरोहा तक का काम आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स को मिला है.
मेरठ से अमरोहा तक 129 किमी के खंड के लिए आईआरबी ने 1782 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.बदायूं से हरदोई तक 151.7 किमी लंबे खंड के लिए अडानी समूह ने 1950 करोड़ रुपये, हरदोई से उन्नाव तक के 155.7 किमी खंड के लिए 2197 करोड़ रुपये और उन्नाव से प्रयागराज तक के 157 किमी लंबे खंड के लिए 2099 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली