Agra: सालों बाद मिले आवंटियों को आवास, अवैध रूप से रहने वाले कर रहे दुर्व्यवहार, सुविधाओं का भी टोटा

Agra News: कालिंदी विहार क्षेत्र में बने बीएसयूपी के आवास लंबे समय से खाली पड़े हुए थे. जिसके चलते कुछ अराजक तत्वों ने उन घरों में अपना कब्जा जमा लिया. जब आवंटी अपने कब्जा पत्र लेकर आवास पर कब्जा लेने पहुंचे तो पहले से ही अवैध रूप से उन आवासों में रह रहे अराजक तत्वों ने उन्हें वहां से भगा दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 22, 2022 6:15 PM

Agra News: ताजनगरी के लोगों को जेएनएनयूआरएम/बीएसयूपी योजना के तहत शहरी गरीबों को लॉटरी के माध्यम से 2016 में आवास आवंटित हुए थे. जिसके कब्जे के लिए लंबे समय से आवंटी आवास विकास और नगर निगम के चक्कर काट रहे थे. लेकिन उनकी लंबे से कोई सुनवाई नहीं हुई. जब आवंटन की समस्या को प्रमुखता से उठाया गया तब जाकर कहीं नगर निगम और आवास विकास ने उन्हें कब्जा पत्र देना शुरू किए. लेकिन अब उनके सामने अपने आवास पर कब्जा लेने और कब्जा लेने के बाद मूलभूत सुविधाओं के ना मिल पाने की समस्या बनी हुई है. लेकिन कोई भी विभाग उनकी सुनने को तैयार नहीं है. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करने पर वह सिर्फ टालमटोल करते हुए नजर आ रहे हैं.

2016 में मिले थे आवास

प्राप्त जानकारी के अनुसार जेएनएनयूआरएम की उप योजना बीएसयूपी के तहत 2014 में कई लोगों ने आवास पाने के लिए आवेदन किए थे. जिसके बाद 2016 में सूरसदन में लॉटरी प्रक्रिया का आयोजन किया गया. इसमें जिन लोगों का लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से चयन हुआ उन्हें बाकी राशि जमा करने के निर्देश दिए गए थे. लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने आवास के लिए तय की गई नियत राशि को समय से जमा भी कर दिया था. लेकिन लंबे समय तक उन्हें ना तो कब्जा पत्र मिले और ना ही अपने आवास पर कब्जा मिला.

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कुछ महीने पहले आवंटियों को अपने आवास पर कब्जा ना मिलने की कई मीडिया समूहों ने प्रमुखता से चलाया गया था. जिसके बाद अधिकारियों ने इस मामले पर संज्ञान लिया और आवंटित को कब्जा पत्र बांटने के निर्देश दिए. जिसके बाद कई लोगों ने अपने आवास के कब्जा पत्र ले लिए हैं लेकिन अब उनके सामने एक नई समस्या खड़ी हो गई है.

आवास में रह रहे अवैध लोग

आपको बता दें कि कालिंदी विहार क्षेत्र में बने बीएसयूपी के आवास लंबे समय से खाली पड़े हुए थे. जिसके चलते कुछ अराजक तत्वों ने उन घरों में अपना कब्जा जमा लिया. जब आवंटी अपने कब्जा पत्र लेकर आवास पर कब्जा लेने पहुंचे तो पहले से ही अवैध रूप से उन आवासों में रह रहे अराजक तत्वों ने उन्हें वहां से भगा दिया. जिसके बाद आवंटियों ने इसकी शिकायत नगर निगम और आवास विकास के अधिकारियों से की, लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. लंबे समय तक चक्कर लगाने के बाद कुछ लोगों को अपने आवास पर कब्जा तो मिल गया लेकिन अब उनके सामने एक और समस्या खड़ी है.

आवंटियों का कहना है कि इन कॉलोनियों में बने घरों में कोई भी मूलभूत सुविधा पूर्ण रूप से नहीं है. लंबे समय से खाली पड़े होने के चलते इन आवासों की हालत जर्जर हो गई है. वहीं दूसरी तरफ यहां पर पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है जबकि यहाँ पाइप लाइन लगी हुई है, लेकिन उसमें कभी भी पानी नहीं आता. और कोई भी सफाई कर्मी यहां पर सफाई करने भी नहीं आता जिसकी वजह से यहां गंदगी का अंबार लगा रहता है. ऐसे में इस कॉलोनी में रहना काफी मुश्किल हो रहा है.

मूलभूत सुविधाओं का भी है टोटा

आवाज पर अपना कब्जा ले चुके एक आवंटी का कहना है यहां पर कई ऐसे आवास है जहां पर अभी कोई भी आवंटी नहीं पहुंचा है. जिसकी वजह से अब भी यहां पर तमाम अवैध लोग आवासों में कब्जा कर रह रहे हैं. अवैध रूप से रहने वाले यह लोग गलत कार्यों में संलिप्त रहते हैं. जिसकी वजह से यह लोग अपने आवासों में कब्जा लेकर रह रहे लोगों से रोजाना बदतमीजी और मारपीट तक कर देते हैं. जिसकी शिकायत कई बार यहां के आवंटियों ने आवास विकास के अधिकारियों से भी की है लेकिन अधिकारी सिर्फ अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं.

वहीं कुछ लोगों का यहां पर कहना है कि जो लोग यहां अवैध रूप से कब्जा कर रह रहे हैं. उन लोगों को टोरेंट विभाग ने भी सिर्फ आधार कार्ड लेकर बिजली का कनेक्शन दे दिया है लेकिन वे लोग इसका बिल भी नहीं भरते. जब आवंटी अपने मकान पर कब्जा लेने आता है तो उसे पता चलता है कि जो लोग यहां अवैध रूप से रह रहे थे उन लोगों ने पहले ही यहां पर बिजली का कनेक्शन करा लिया था और उसका बकाया बिल भी उन्होंने नहीं जमा किया. जिसके बाद टोरेंट भी उन लोगों का बकाया बिल के नाम पर उत्पीड़न कर रही है.

डूडा के परियोजना निदेशक का कहना है कि अधिकतर आवंटियों को कब्जा पत्र दे दिया गया है. और जो लोग वहाँ अवैध रूप से रह रहे हैं. उनके लिए आवास विकास को लिखा जाएगा. ताकि आवास विकास अवैध लोगों से मकान खाली कराए. पानी और अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी आवास विकास ही जिम्मेदार है.

टोरेंट पावर लिमिटेड के पीआरओ भूपेंद्र सिंह का कहना है कि मेरे संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है. हो सकता है कि उन लोगों को करीब 6 साल पहले सरकार द्वारा शुरू की गई सर्वदा योजना के तहत आधार कार्ड के आधार पर कनेक्शन दिए गए होंगे.

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