सीएम योगी : मंदिर के मंहत से लेकर देश के बड़े सूबे के मुख्यमंत्री तक, कुछ ऐसा है उनका सियासी सफर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक सभी ने उन्हें बधाई दी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक सभी ने उन्हें बधाई दी. पीएम मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि सीएम योगी ने नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सभी क्षेत्रों में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. वहीं सीएम योगी ने भी अपने जन्मदिन पर ट्वीट कर गुरु गोरक्षनाथ को प्रणाम करते हुए सभी के कल्याण की कामना की. उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में पांच जून 1972 जन्मे योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के मंहत से लेकर सूबे के सबसे बड़े पद पर पहुंचे. जानते हैं उनके बारे में ..
अजय सिंह बिष्ट से योगी तक
उत्तराखंड में जन्मे योगी आदित्यनाथ का नाम अजय सिंह बिष्ट है, इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट था जिनका देहांत पिछले महीने ही हुआ. योगी ने 1989 में ऋषिकेश से 12वीं पास की और 1992 में गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई पूरी की . छात्र जीवन में ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़ गए थे.
सीएम योगी का सियासी सफर
राममंदिर आंदोलन के समय ही योगी योगी आदित्यनाथ की मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ से हुई और फिर उन्हें गोरखनाथ मंदिर का पीठाधीश्वर बना दिया गया. मंदिर का उत्तराधिकारी बनने के बाद उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा और मात्र 26 साल की उम्र में गोरखपुर से सांसद चुने गये. लगातार पांच बार उन्हें गोरखपुर की जनता ने संसद में अपना प्रतिनिधि बना के भेजा और फिर साल 2017 में वह 45 साल की उम्र में यूपी के सीएम बने और इस समय वह 403 विधानसभा और 80 लोकसभा सीटों वालें देश के सबसे बड़े राज्य की सत्ता के सिंहासन पर विराजमान हैं.
तोड़ा अंधविश्वास
सीएम योगी के बारे में एक खास बात ये है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने उस अंधविश्वास को भी तोड़ा में जिसमें उत्तर प्रदेश के सीएम नोएडा आने से कतराते थे. माना जाता है कि जो नोएडा आता है उसे दोबारा कुर्सी नहीं मिलती हैं. लेकिन सीएम योगी कई बार नोएडा आ चुके हैं. इसके लिए सीएम योगी को पीएम मोदी से तारीफ भी सुनने को मिली.
कुछ ही ऐसे नेता है जिन्हें देश का शायद ही कोई नागरिक ना जानता हो, योगी भी उन्ही नेताओं में शुमार हैं. समय के साथ योगी आदित्यनाथ की ख्याति भी बढ़ती ही जा रही है. कोरोना वायरस संकट के समय भी लोग उनके काम करने की तारिफ कर रहे हैं. वहीं कुछ राजनीतिक पंडित उन्हें देश के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर भी देख रहे हैं.