यूपी की राजनीति में “अब्बाजान” के बाद अब “चच्चाजान” की इंट्री, राकेश टिकैत ने ओवैसी को बताया भाजपा की बी टीम
UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए अब्बाजान का प्रयोग किया तो अब जवाब चच्चाजान की इंट्री हो गयी है. 'चच्चा जान' का इस्तेमाल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपने बयान में किया है.
यूपी में “अब्बाजान” के बाद अब “चच्चाजान” की इंट्री हो गयी है. यूपी की राजनीति में बयानबाजी तेज है. तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर लंबे समय से धरने पर बैठे किसान संगठन अब राजनीति और देश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रही हैं.
"…BJP's Chacha Jaan, Asaduddin Owaisi has entered Uttar Pradesh. If he (Owaisi) will abuse them (BJP), they will not file any case against him. They are a team..": BKU leader Rakesh Tikait in Baghpat (14.09) pic.twitter.com/qaisUNKr8R
— ANI (@ANI) September 15, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी में सियारी बयानबाजी तेज है. योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए “अब्बाजान” का प्रयोग किया तो अब जवाब में “चच्चाजान” की इंट्री हो गयी है. ‘चच्चा जान’ का इस्तेमाल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अपने बयान में किया है. यूपी के बागपत में राकेश टिकैत ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भाजपा का ‘चच्चा जान’ बताते हुए लोगों से अपील की है कि इनकी साजिश को समझें.
Also Read: किसान महापंचायत: आंदोलन जारी रखने की बनायेंगे रणनीति, राकेश टिकैत ने बुलंद की आवाज
राकेश टिकैत ने अपने बयान में ओवैसी-बीजेपी को एक टीम करार दिया है. अगर ओवैसी भाजपा को गाली भी देंगे तो उन पर कोई केस दर्ज नहीं होगा. ‘अब यूपी में ओवैसी आ गए हैं, जो बीजेपी वालों के ‘चच्चा जान’हैं. ओवैसी यूपी में बीजेपी को जिताकर ले जाएंगे. इन्हें कोई दिक्कत नहीं है.
राकेश टिकैत बागपत के टटीरी गांव गांव मे किसानों को संबोधित कर रहे थे. यहां उन्होंने भाजपा और ओवैसी की चर्चा करते हुए उन्होंने सरकार पर बिजली की दर और MSP को लेकर भी निशाना साधाता. उन्होंने कहा, देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में है. उपज का समर्थन मूल्य किसानों को नहीं मिल रहा है.
राकेश टिकैत ने इस मंच से सरकार पर धोटाले का आरोप लगाया. टिकैत ने कहा सरकार, अधिकारियों और व्यापारियों की मदद से धान-गेहूं की सरकारी खरीद में 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल का अंतर आ रहा है. फर्जी किसानों से खरीद दिखायी जा रही है.