ऐतिहासिक महत्व के दुर्लभ वृक्षों को खोजने पर इनाम देगी उत्तर प्रदेश सरकार, प्रतियोगिता का हो रहा आयोजन…
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने विरासत वृक्षों की खोज के लिए प्रतियोगिता आयोजित की है. इसके तहत 100 वर्ष से अधिक पुराने व ऐतिहासिक महत्व के दुर्लभ वृक्षों की खोज की जायेगी. योगी सरकार ने यह जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को सौंपा है. प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 30 सितंबर है. विरासत वृक्ष खोजने में मदद करने वालों को चार-चार हजार रुपये का इनाम भी दिया जायेगा.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने विरासत वृक्षों की खोज के लिए प्रतियोगिता आयोजित की है. इसके तहत 100 वर्ष से अधिक पुराने व ऐतिहासिक महत्व के दुर्लभ वृक्षों की खोज की जायेगी. योगी सरकार ने यह जिम्मा उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को सौंपा है. प्रतियोगिता की अंतिम तिथि 30 सितंबर है. विरासत वृक्ष खोजने में मदद करने वालों को चार-चार हजार रुपये का इनाम भी दिया जायेगा.
विरासत वृक्षों की जानकारी देने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विरासत वृक्षों की खोज में लगी हुई है. इस काम में अब आमजन को भी जोड़ने की योजना बनी है. उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड आमजन से उनके यहां के विरासत वृक्षों की जानकारी देने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की है. चयनित प्रविष्टियों में से तीन सर्वोत्तम प्रविष्टि को चार-चार हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा. इनके नामों का उल्लेख कॉफी टेबल बुक में भी किया जायेगा.
30 सितंबर की रात 12 बजे तक अंतिम तिथि
उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड प्रविष्टि भेजने वालों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी करेगी. इसमें हिस्सा लेने के लिए वृक्ष का एचडी फोटो व संक्षिप्त टिप्पणी भेजनी होगी. वृक्ष का वानस्पतिक व स्थानीय नाम दोनों लिखने होंगे. प्रतियोगिता में प्रविष्टि जैवविविधता बोर्ड के इमेल upstatebiodiversityboard@gmail.com पर 30 सितंबर की रात 12 बजे तक भेजनी होगी. चयन के जो मानक तय किये गये हैं उसके अनुसार वृक्ष की आयु 100 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
अब तक 261 विरासत वृक्षों की खोज
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 100 वर्ष से अधिक उम्र के ‘हेरिटेज ट्री’ तलाशने का काम शुरू हो गया है. अब तक 261 विरासत वृक्षों की खोज हो चुकी है. योगी सरकार ने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और विशिष्टजन से जुड़े तथा धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं से जुड़े विलुप्त हो रहे एवं 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को चिह्नित कर उन्हें हेरिटेज ट्री के रूप में संरक्षित करने की योजना बनायी है. प्रदेश में इस पर काम भी शुरू हो गया है.