UP News: CM योगी का बड़ा एक्शन, पब्लिक कंप्लेंट को हल्के में लेने वाले 73 अफसरों को नोटिस जारी
Uttar Pradesh News: जानकारी के मुताबिक जनसुनवाई पोर्टल पर जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रदेश के 73 अफसरों को निशाने पर ले लिया है.
Uttar Pradesh News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों की शिकायतों के निराकरण में बाधक बन रहे अफसरों पर बड़ा एक्शन ले लिया है. आम लोगों की समस्याओं के निराकरण में ढिलाई पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार ने 73 अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. इनमें शासन स्तर के 10 विभागाध्यक्ष, पांच मंडलायुक्त, 10 डीएम, पांच-पांच विकास प्राधिकरण के वीसी व नगर आयुक्त तथा 10 तहसीलें शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस के तीन एडीजी, पांच आईजी और डीआईजी,10 कप्तानों (कमिश्नरेट, एसएसपी व एसपी) तथा 10 थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है.
Uttar Pradesh government has issued show cause notice to 73 officers of the state government seeking clarification from them on charges of dereliction of duty against them. Notice issued to five commissioners, 10 DMs, three ADGs, 10 commissionerates, and other officials. (01.09)
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 2, 2022
जानकारी के मुताबिक जनसुनवाई पोर्टल पर जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने प्रदेश के 73 अफसरों को निशाने पर ले लिया है, और उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई होना तय है. सीएम को जनसुनवाई समाधान प्रणाली (RGRS) और सीएम हेल्पलाइन (1076) में आने वाली आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण की हर माह रिपोर्ट दी जा रही है. इसमें जुलाई में मासिक रैंकिंग के आधार पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों की रिपोर्ट भी सौंपी गई थी.
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जनता की शिकायतों के निस्तारण पर मुख्यमंत्री कार्यालय से पैनी नजर रखी जा रही है. समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन (1076) पर आने वाली शिकायतों के आधार पर विभागों की रैंकिंग जारी की जाती है. जिन विभागों में शिकायतें ज्यादा लंबित रहती हैं, उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ऐसी ही जुलाई की रिपोर्ट तैयार हुई है, जिसमें शासन से लेकर थाना-तहसील स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के राडार पर आ गए हैं.