Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Govt) पिछले तीन दशकों से ग्रेटर नोएडा में उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने वाली राज्य की पहली बिजली वितरण कंपनी नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) का अधिग्रहण कर सकती है. सरकार ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किया है.
ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, कंपनी के वितरण लाइसेंस की वैधता अगले साल 29 अगस्त को समाप्त हो रही है. ऐसे में राज्य सरकार ने कंपनी को अपने हाथ में लेने का मन बनाते हुए इसके लाइसेंस को नवीनीकृत (Renew) नहीं करने का फैसला किया है.
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि एनपीसीएल का लाइसेंस 30 अगस्त 2023 को समाप्त हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग ने नोएडा पावर कंपनी को टेकओवर करने की दिशा में कार्यवाही शुरू कर दी है. ऊर्जा विभाग ने एनपीसीएल को विद्युत अधिनियम 1910 के धारा 6 और 7 के तहत नोटिस भेज दिया गया है.
राज्य सरकार ने 30 अगस्त 1993 को भारतीय विद्युत अधिनियम, 1910 की धारा 3 (1) के तहत एनपीसीएल को 30 साल की अवधि के लिए बिजली लाइसेंस जारी किया था. एनपीसीएल प्रबंधन को अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा 8 अगस्त को जारी नोटिस में कहा गया है कि, ‘उत्तर प्रदेश सरकार आपको यह कारण बताने का निर्देश देती है कि जनहित के तहत बिजली लाइसेंस 1993 को रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए और इसके द्वारा खरीदा जाना चाहिए.
सरकार ने एनपीसीएल को कारण बताने के लिए तीन महीने का समय दिया है, जिसमें विफल रहने पर नोटिस में कहा गया है, ‘राज्य सरकार मान लेगी कि लाइसेंस रद्द करने के संबंध में आपके पास कुछ भी नहीं है और इसलिए सरकार आगे की कार्यवाही के साथ आगे बढ़ेगी. जैसा कि जनहित में आवश्यक समझा गया है. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि लाइसेंस की अवधि एनपीसीएल के पक्ष में नहीं बढ़ाई जाएगी. उपक्रम राज्य सरकार या उसकी नामित एजेंसी द्वारा खरीदा जाएगा.
एनपीसीएल का अधिग्रहण करने के सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि, ‘सरकार को तुरंत लाइसेंस रद्द करना चाहिए ताकि यह मुद्दा कानूनी तकरार न उलझने पाए. उन्होंने मांग की है कि ‘ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को व्यापक जनहित में तुरंत मेरठ डिस्कॉम के साथ विलय कर दिया जाना चाहिए.’