Lalitpur Case: उत्तर प्रदेश के ललितपुर में मानवता को शर्मसार करते हुए सामुहिक दुष्कर्म पीड़िता का थाना प्रभारी ने भी अपनी हवस का शिकार बनाया. ललितपुर कांड को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान ले लिया है. आयोग की ओर से इस पूरे कांड पर प्रदेश के डीजीपी से रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही, जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, मामले का खुलासा होने के बाद फरार आरोपी एसएचओ तिलकधारी प्रयागराज से पकड़ लिया गया है.
वहीं सामूहिक दुष्कर्म के बाद किशोरी के साथ रेप के आरोप में गिरफ्तार इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज ने किशोरी को चाइल्ड लाइन को सौंपने के लिए फर्जी कहानी गढ़ी थी. उसने किशोरी के माता-पिता को बुलाया न उन्हें बच्ची मिलने की सूचना दी. उसने सीधे यही बताया कि वह माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती, इसलिए उसे चाइल्ड लाइन को सौंपा जा रहा है. अधिकारी मान रहे हैं कि उसने गुनाह छिपाने के लिए यह फर्जी कहानी गढ़ी. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और पूरे पुलिस थाने को ही लाइन हाजिर कर दिया गया है.
Also Read: ललितपुर रेप कांड में पीड़िता की मां से मिले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, योगी सरकार से पूछे तीखे सवाल
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल को चार लोग नाबालिग को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए. आरोप है कि चारों उससे दुष्कर्म करते रहे. वहीं किशोरी की मां अपनी बेटी के लापता होने का मुकदमा दर्ज कराने के लिए 23 अप्रैल को पुलिस कप्तान के पास पहुंची. एसपी ने थाना पुलिस को निर्देश दिए कि तत्काल किशोरी को बरामद किया जाए. वहीं नाबालिग के मिलने के बाद आरोप है कि थाना इंचार्ज ने 27 अप्रैल को दिन में किशोरी के बयान दर्ज किए और फिर शाम को उसे थाना परिसर में बने अपने कमरे में ले गया और वहां दुष्कर्म किया.