मायावती ने बाहरी कंपनियों को यूपी लाने के मामले में योगी सरकार को घेरा, पूछा ये सवाल…

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार दोनों के नियत पर सवाल उठाया है. मायावती प्रवासी श्रमिकों के मामले में लगातार अपनी नजर बनाए रखती हैं. एक तरफ जहां प्रदेश की योगी सरकार बाहरी कंपनीयों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए अपना कदम उठा रही है वहीं इन कंपनियों को उत्तर प्रदेश लाने के प्रयासों पर मायावती ने प्रश्नचिन्ह लगाया है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | May 31, 2020 5:54 PM

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार दोनों के नियत पर सवाल उठाया है. मायावती प्रवासी श्रमिकों के मामले में लगातार अपनी नजर बनाए रखती हैं. एक तरफ जहां प्रदेश की योगी सरकार बाहरी कंपनीयों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए अपना कदम उठा रही है वहीं इन कंपनियों को उत्तर प्रदेश लाने के प्रयासों पर मायावती ने प्रश्नचिन्ह लगाया है.

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बसपा सुप्रीमो ने एक के बाद एक किए कुल चार ट्वीट :

इस मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो ने एक के बाद एक कुल चार ट्वीट किये हैं.अपने ट्वीट में मायावती ने बाहरी कंपनियों को लाने के बदले भारत की कंपनियों को आगे बढ़ाने का सलाह देती हैं और अपने ट्वीट में लिखती हैं कि “चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाए केन्द्र व यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए क्योंकि शेनजेन इकोनोमिक जोन जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की फ्री आधारभूत सुविधा व श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां कहां है?”

उजड़े छोटे व मझोले उद्योगों की चिंता :

वहीं इसी क्रम में मायावती ने तीन और ट्वीट किए और इसमें उन्होने भारतीय उद्यमियों व छोटे और मझोले उद्योगों का पक्ष लेते हुए लिखा कि ” शेनजेन स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन हेतु सुनिश्चित किया जाए तो उजड़े छोटे व मझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का हित व कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा जरूर आसान हो जाए.”

छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है :

अगले ट्वीट में मायावती लिखती हैं कि ” लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी व बदहाली में घर लौटे सर्वसमाज के लाखों श्रमिकों को जरूरी प्रभावी मदद पहुँचाने के बजाय यूपी में एमओयू हस्ताक्षर व घोषणाओं आदि द्वारा छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है. अति-दुःखद. जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल बन जाएगी.

पहले के अनेकों एमओयू का क्या हुआ :

वहीं इस मामले में अंतिम ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ” अच्छा होता सरकार नया एमओयू करने व फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले वर्षों में साइन किए गए इसी प्रकार के अनेकों एमओयू का क्या हुआ? एमओयू केवल जनता को वरगलाने व फोटो के लिए नहीं हो तो बेहतर है क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए लोकल स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है.”

Posted by : Thakur Shaktilochan Sandilya

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