Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर चुनाव होना है, वहीं इस चुनाव से पहले सपा गठबंधन में दरार पड़ने लगी है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की ओर से विधान परिषद न भेजे जाने से नाराज महान दल अध्यक्ष केशव देव मौर्य (Keshav Dev Maurya) ने बड़ा फैसला लिया है. केशव देव मौर्य ने सपा गठबंधन से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने कहा कि दवाब डालने वालों को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) विधान परिषद और राज्यसभा भेज रहे हैं. जब सपा को मेरी जरूर ही नहीं तो गठबंधन का क्या फायदा.
केशव देव मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव चाटुकारों से घिरे हैं. अब उन्हें मेरी जरुरत नहीं है. लिहाजा वह गठबंधन तोड़ रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से ही केशव देव मौर्य लगातार सपा पर हमलावर थे. बता दें केशव देव मौर्य ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. केशव देव मौर्य ने कहा था कि असली कमी पर ध्यान देना चाहिए, अगर खाली ईवीएम पर ठीकरा फोड़ेंगे तो एसपी का कार्यकर्ता भी हार मान लेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, महान दल को वोट नहीं गया. एसपी के प्रत्याशियों ने हमें महत्व नहीं दिया.
विधानसभा चुनाव में हार के बाद के बाद केशव देव मौर्य ने साफ कहा था कि समाजवादी पार्टी ने हमारा सही इस्तेमाल नहीं किया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों के साथ गठबंधन किया था. इन्हीं में से एक महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर अनदेखी का गंभीर आरोप लगाया था. केशव देव मौर्य की पार्टी का एक भी प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतरा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने मंगलवार को नामांकन किया. समाजवादी पार्टी की ओर से तीन प्रत्याशियों ने आज नामंकन किया, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्या, सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव, जासमीर अंसारी और शाहनवाज खान शामिल है.