UP MLC Election Voting: पांच सीटों पर आज मतदान, भाजपा का और मजबूत होने का दावा, सपा की ऐसे खुल सकती है किस्मत
UP MLC Election Voting Today: यूपी एमएलसी चुनाव के लिए आज पांच सीटों पर मतदान होगा. भाजपा और सपा सहित शिक्षक गुट ने इसमें अपनी जीत के दावे किए हैं. इन पांच सीटों में तीन पर भाजपा के एमएलसी थे, जबकि शिक्षक सीट को लेकर एक पर चंदेल गुट और एक पर एके शर्मा गुट का कब्जा था.
Lucknow: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की पांच सीटों के लिए आज मतदान होगा. इनमें शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के 2 और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की 3 सीटों पर आज वोट डाले जाएंगे. सत्तारूढ़ दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सहित शिक्षक गुट ने अपनी—अपनी जीत के दावें किए हैं.
भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला
इस चुनाव में भाजपा और सपा के बीच मुख्य मुकाबला है. हालांकि शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में शिक्षक संघ ने भी अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए ऐढ़ी चोटी का जोर लगाया है. यूपी विधान परिषद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर-फैजाबाद, बरेली-मुरादाबाद और कानपुर निर्वाचन क्षेत्र में आज मतदान होगा. वहीं इलाहाबाद-झांसी और कानपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में भी वोट डाले जाएंगे.
भाजपा ने इस तरह रणनीति पर किया काम
उच्च सदन में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए भाजपा ने सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने हर सीट को लेकर रणनीति को धरातल पर उतारा और लगातार नेताओं के साथ बैठकें की. मतदाताओं के बीच अपनी प्रभावी पैठ बनाने के लिए प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी जुटाया गया.
सपा ने सरकार के खिलाफ मुद्दों को दी हवा
वहीं समाजवादी पार्टी की बात करें तो प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मोर्चा संभाला. पार्टी ने बेरोजगारी भत्ता और शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने जैसे मुद्दों को धार दी, जिससे मतदाताओं के बीच सत्तापक्ष के खिलाफ माहौल बनाया जा सके. सपा ने मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क करने की रणनीति पर काम किया और हर जनपद में विधायकों, सांसदों से लेकर प्रभावी लोगों को जिम्मेदारी सौंपी. चुनाव वाले सभी जनपदों में प्रभारी भी घोषित किए गए.
सपा इस तरह उच्च सदन में हो सकती है मजबूत
विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं. नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए किसी भी राजनीतिक दल के पास इसमें से 10 प्रतिशत यानी 10 सीट होना जरूरी है. बीते वर्ष जुलाई में उच्च सदन के जिन 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हुआ था, उनमें समाजवादी पार्टी के भी थे.
इसके बाद उच्च सदन में सिर्फ 9 सदस्य होने के कारण सपा का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा हट गया. इसलिए सपा हर हाल में कम से कम एक सीट पर जरूर जीत दर्ज करना चाहती है. ऐसा होने पर उच्च सदन में उसे नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी वापस मिल जाएगी. इससे सदन में उसके नेताओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सभी पांचों सीटों पर जीत का दावा किया है.
अभी तक ये थी सीटों की स्थिति
भाजपा की तरफ से भी ऐसा ही दावा किया गया है. विधान परिषद की आज चुनाव वाली पांच सीटों में तीन पर भाजपा के एमएलसी थे, जबकि शिक्षक सीट को लेकर एक पर चंदेल गुट और एक पर एके शर्मा गुट का कब्जा था. शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में शिक्षक संगठनों के उम्मीदवार भी कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं. अगर इनकी रणनीति काम कर गई तो भाजपा और सपा उम्मीदवारों के अरमान अधूरे रह सकते हैं.