मुरादाबाद : तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में बनाये गये कोविड अस्पताल की 5वीं मंजिल से कूद कर एक कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मी ने आत्महत्या कर ली है. इस तरह की वारदात इस अस्पताल में पहले भी हुए हैं. ताजा घटनाक्रम के बाद लोगों में डर का माहौल है. वैसे मुरादाबाद एसएसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला लगता है. वो अस्पताल में मेंटली डिस्टर्ब हो गये थे. मजिस्ट्रियल जांच के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. धारा 149 के तहत अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है. फिलहाल जिला प्रशासन और पुलिस कोरोना पॉजिटिव मरीजों द्वारा किये जा रहे आत्महत्या के पीछे की वजहों को तलाशने में जुटा हुआ है. मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है.
जानकारी के अनुसार 52 साल के हेड कांस्टेबल दिवाकर शर्मा मुरादाबाद पुलिस ऑफिस शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात थे. एक सितम्बर को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें यहां एडमिट किया गया था. सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ वीके सिंह ने बताया कि दिवाकर शनिवार को अजीब हरकतें कर रहे थे. वह अचानक उग्र हो उठे और स्टाफ से भिड़ गये. इस पर उन्हें दवाई देकर सुलाया गया. रात नौ बजे वह जागे और अचानक फिर से हिंसक हो गये. उन्होंने ड्रिप स्टैंड लेकर कई कर्मचारियों पर हमला करने की कोशिश की. कर्मचारी संभलते या उन्हें संभाल पाते कि इस बीच उन्होंने खिड़की से छलांग लगा दी. पांचवीं मंजिल से नीचे गिरते ही उनकी मौत हो गयी.
मुरादाबाद: अस्पताल की 5वीं मंजिल से कूदकर पुलिस कांस्टेबल ने आत्महत्या की। SSP ने बताया, "प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला लगता है। वो अस्पताल में मेंटली डिस्टर्ब हो गए थे। मजिस्ट्रियल जांच के लिए DM को पत्र लिखा गया है। धारा 149 के तहत TMU अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है।" pic.twitter.com/n5C0YP3SMj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2020
हेड कांस्टेबल दिवाकर शर्मा मूलरूप से बदायूं निवासी थे. उनका परिवार बरेली के सुभाष नगर में रहता है, जबकि दिवाकर शर्मा लाइनपार हनुमान नगर में अकेले किराये के मकान में रहते थे.
गौरतलब है कि 19 अगस्त को भी कोरोना पॉज़िटिव 28 साल की कविता की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो चुकी है. इसके बाद 28 अगस्त को भी अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉज़िटिव 42 साल के बैंक मैनेजर राजेश ने अस्पताल की 6वीं मंज़िल से कूद कर आत्महत्याकर ली थी. अब एक बार फिर एक हेड कांस्टेबल द्वारा आत्महत्या किए जाने पर अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में हैं.
posted by ashish jha