Bareilly News: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 का आरक्षण घोषित हो गया है. नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा ने यूपी की सभी 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका, और 544 नगर पंचायतों का आरक्षण जारी कर दिया. आरक्षण से महीनों से तैयारियों में जुटे दावेदारों का सियासी गणित बिगड़ गया है. तमाम दावेदार चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं बचे हैं, जबकि यह दावेदार लाखों रुपए खर्च कर चुके हैं.
मगर, अब दावेदारों को सिर्फ आपत्ति से ही उम्मीद है. मंगलवार से बरेली नगर निगम की मेयर सीट, 4 नगर पालिका, और 15 नगर पंचायत के अध्यक्ष (चेयरमैन) पद का आरक्षण बदलने को आपत्तियां दाखिल होनी शुरू हो गई हैं. दावेदार यह आपत्तियां 12 दिसंबर की शाम 6 बजे तक जमा कर सकते हैं. दावेदारों को यह आपत्ति नगर विकास अनुभाग-1 बापू भवन उत्तर प्रदेश सचिवालय की मेल पर करनी होगी. इसके साथ ही लिखित आपत्तियां व्यक्तिगत रूप से उत्तर प्रदेश सचिवालय के गेट नंबर 9 पर रिसीव करा सकते हैं.
नगर निगम की मेयर सीट अनारक्षित हो गई है. यह पहले भी अनारक्षित थी. इसके साथ ही नगर पालिका फरीदपुर और बहेड़ी का चेयरमैन पद भी अनारक्षित है, जबकि नगर पालिका आंवला और नवाबगंज महिला के लिए रिजर्व की गई हैं. नगर पंचायत फरीदपुर, बिशारतगंज, धौराटांडा, रीछा, शेरगढ़, रिठौरा महिला, देवरनिया, ठिरिया निजावत खां, शीशगढ़, सेंथल, फतेहगंज पूर्वी, सिरौली, फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज और शाही का चेयरमैन पद अनारक्षित है. यहां सभी सामान्य जाति के साथ पिछड़ी जाति के भी दावेदार चुनाव लड़ सकेंगे.
नगर निकाय चुनाव के आरक्षण की घोषणा के बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष।मिर्जा अशफाक सकलैनी ने आरोप लगाया कि आरक्षण में भाजपा ने बड़ा खेल किया है. सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा ने पिछड़ों, अति पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय किया है.
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रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली