Bareilly News: बरेली के निकायों में तलाशा जाने लगा OBC रिकॉर्ड, आयोग ने मांगी रिपोर्ट, जानें फिर क्या होगा…

बरेली की 20 निकायों में ओबीसी रिकॉर्ड खंगाला जाने लगा है. नगर निगम, 4 नगर पालिका, 15 नगर पंचायत और निकायों के वार्ड कब-कब ओबीसी के लिए आरक्षित रहा है. इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2023 1:13 PM

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली के 20 निकायों में ओबीसी रिकॉर्ड खंगाला जाने लगा है. नगर निगम, 4 नगर पालिका, 15 नगर पंचायत और निकायों के वार्ड कब-कब ओबीसी के लिए आरक्षित रहा है. इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. यह रिकॉर्ड वर्ष 2015 से खंगाला जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी सहायक निर्वाचन अधिकारी को दी गई है.

यूपी की 762 नगर निकाय में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को ट्रिपल टेस्ट आवश्यक बताया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था. 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी सीटों का रिकॉर्ड एकत्र करना शुरू कर दिया है. यूपी की 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका, 545 नगर पंचायत, नगर निगम के पार्षद,और नगर पालिका, नगर पंचायत के वार्ड के आरक्षण की रिपोर्ट मांगी गई है.

निकायों की डिटेल जुटाने में लगे अफसर

यह रिपोर्ट 2015 से अब तक कहां-कहां ओबीसी चेयरमैन पार्षद और सभासद रहे हैं. इस पर तैयार की जाएगी. आयोग के निर्देश के बाद यूपी के सभी जिलों के अफसर निकायों की डिटेल जुटाने में जुट गए हैं. जिससे जल्द रिपोर्ट भेजी जा सके.

मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी का सर्वे

उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है .यह मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की आबादी को लेकर सर्वे कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा. इसमें रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

पांच सदस्यीय टीम सौंपेगी रिपोर्ट

इसके साथ ही सदस्य के तौर पर चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और बृजेश सोनी शामिल हैं. यह आयोग राज्यपाल की सहमति से 6 महीने के लिए गठित किया गया है, जो जल्द से जल्द सर्वे रिपोर्ट देगा.

5 दिसंबर को जारी हुआ था आरक्षण

यूपी की निकायों में चुनाव कराने के लिए सरकार ने 5 दिसंबर को आरक्षण जारी किया था. मगर, इस दौरान हाईकोर्ट में करीब 89 याचिकाएं दायर की गईं थीं. इनकी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ओबीसी आयोग गठित करने के निर्देश दिए थे.

ओबीसी में आती हैं यूपी की यह जातियां 

उत्तर प्रदेश में यादव, कुर्मी, पटेल, कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, सैनी, लोध, गडरिया, पाल, निषाद, मल्लाह, बिंद, कश्यप, केवट, तेली, साहू, जयसवाल जाट, कुम्हार, प्रजापति, चौहान, कहार, चौरसिया, राजभर, गुर्जर ओबीसी में आते हैं. यूपी के ओबीसी वोट पर भाजपा की मजबूत पकड़ है. इसके सहारे ही बीजेपी केंद्र और यूपी में दूसरी बार सत्ता हासिल कर चुकी है. इसलिए ओबीसी को खोना नहीं चाहती.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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