UP Nature and Bird Festival का महोबा में 1 फरवरी से आगाज, दुनिया के नक्शे पर छाएगा बुंदेलखंड का इको टूरिज्म..
यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल 2023 का उद्देश्य प्रकृति-आधारित इको टूरिज्म को प्रेरित करना और उसमें तेजी लाना है. साथ ही उत्तर प्रदेश के जैव विविधता से भरपूर वन्यजीव अभयारण्यों को देश दुनिया के सामने प्रभावी तरीके से पेश करना इसकी प्राथमिकता है.
Lucknow: उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के महोबा जनपद का विजय सागर पक्षी अभयारण्य 1-3 फरवरी तक यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल के 7वें संस्करण की मेजबानी करेगा. आयोजन के दौरान बुंदेलखंड के इस इलाके में पर्यटकों की खास मौजूदगी रहेगी और वन्यजीव पर्यटन, प्रकृति संरक्षण और फोटोग्राफी जैसे कई आयोजन होंगे, जिसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफर, विशेषज्ञ और सैलानी खासतौर पर शामिल होंगे.
ब्रिटिश बर्ड फेयर और बर्ड लाइफ इंटरनेशनल से है साझेदारी
यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल 2023 का उद्देश्य प्रकृति-आधारित इको टूरिज्म को प्रेरित करना और उसमें तेजी लाना है. साथ ही उत्तर प्रदेश के जैव विविधता से भरपूर वन्यजीव अभयारण्यों को देश दुनिया के सामने प्रभावी तरीके से पेश करना इसकी प्राथमिकता है. इस कार्यक्रम की साझेदारी ब्रिटिश बर्ड फेयर और बर्ड लाइफ इंटरनेशनल के साथ की गई है. इस साल के उत्सव का मुख्य फोकस इको टूरिज्म पर है.
प्रकृति की गोद में अद्भुत नजारे
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दुबे के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में यूपी पर्यटन के साथ वन विभाग ने राज्य के वन क्षेत्रों में कुछ सुंदर सर्किट बनाए हैं, प्रकृति की गोद में पर्यटकों के लिए ये बेहद आकर्षित और नई तरह का अनुभव कराने वाले हैं. इसकी समृद्ध विरासत देश—विदेश के पर्यटकों को लुभाएगी. हमारा मानना है कि प्रकृति-आधारित इको टूरिज्म और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए एक समग्र और सहयोगी नजरिया बेहद जरूरी है, क्योंकि ये दोनों एक दूसरे पर निर्भर हैं.
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बुंदेलखंड टूरिज्म सर्किट को मजबूत करने की कवायद
इस आयोजन के जरिए युवाओं को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. इस दौरान आसपास के स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी महोत्सव से जोड़ा जाएगा. पहले यह कार्यक्रम बर्ड फेयर के रूप में विख्यात था. इस साल उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका विस्तार किया है. प्रदेश सरकार के मुताबिक उत्तर प्रदेश नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल 2023 नए गंतव्य की पेशकश करेगा. साथ ही वन्य जीव पर्यटक को बढ़ावा देते हुए बुंदेलखंड टूरिज्म सर्किट को मजबूत करने में सफल साबित होगा.