आजमगढ़: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अंक पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद शासन ने मदरसा शिक्षकों के भी अंकपत्रों की जांच के निर्देश दिए हैं. विशेष सचिव अल्पसंख्यक विभाग के आदेश के अनुपालन में जिले में संचालित अनुदानित 20 और आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 267 मदरसों के कुल 1115 शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जनपद में संचालित 20 अनुदानित मदरसों में लगभग 400 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनके अंक पत्रों की जांच शासन स्तर से नामित दूसरे जिलों के अधिकारी करेंगे.
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जबकि आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 263 मदरसों के 715 शिक्षकों की जांच के लिए कमेटी गठित की गयी है. डीएम राजेश कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है, जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है. कमेटी के तीनों सदस्यों को आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 267 मदरसों के 89-89 शिक्षकों के अंकपत्रों के जांच की जिम्मेदारी दी गयी है.
दो चरणों में जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के लिए डीएम की संस्तुति के बाद निदेशालय अल्पसंख्यक विभाग को भेज दिया जायेगा. वर्तमान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अवैध मदरसों के खिलाफ विगत दिनों अभियान चलाया था, जिसमें 687 में लगभग आधे 304 मदरसे मानक के खिलाफ पाये गये थे. उन्हें बंद कराया गया था. अब देखना है कि अब कितने फर्जी शिक्षक पकड़े जाते हैं.
मदरसा शिक्षकों के अंकपत्रों और अन्य मूल अभिलेखों की जांच दो चरणों में की जायेगी. प्रथम चरण में मूल अंकपत्रों का मिलान किया जायेगा, जिसमें अंकपत्र और अन्य प्रमाणपत्र, जो ऑनलाइन होंगे और दूसरे अभिलेखों की मैनुअल जांच की जायेगी. द्वितीय चरण में संबंधित प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अंकपत्रों को सत्यापन के लिए बोर्ड और विश्वविद्यालय को भेज दिया जायेगा.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya