UP News: नोएडा में एक महीने के लिए धारा 144 लागू, जानिए आम लोगों को किन नियमों का करना होगा पालन

UP News: चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल को शुरू हो रहे हैं, तो वहीं रमजान तीन अप्रैल से शुरू हो सकता है. दरअसल रमजान की शुरुआत के लिए 2 अप्रैल को यदि चांद के दीदार हो जाएंगे तो यह अगले दिन से शुरू हो जाएंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 1, 2022 1:16 PM

Uttar Pradesh News: इस साल नवरात्रि (Chaitra Navratri) का पर्व और रमजान ( Ramadan) का महीना साथ-साथ शुरू हो रहा है. चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल को शुरू हो रहे हैं, तो वहीं रमजान तीन अप्रैल से शुरू हो सकता है. अप्रैल में रमजान, नवरात्र, राम नवमी, आंबेडकर जयंती, हाई स्कोल, इंटर की परीक्षी और सामान्य विधान परिषद चुनाव भी है, जिसकी वजह से गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने जिले में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू (Section (144 implemented in Noida) करने का फैसला लिया है.

नोएडा पुलिस ने ट्वीट इस बात की जानकारी दी. नोएडा पुलिस की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस माह रमजान माह प्रारंभ, चैत्र नवरात्र, राम नवमी, आंबेडकर जयंती, गुड फ्राईडे, हनुमान जयंती, ईस्टर पर्व मनाए जाएंगे. इस दौरान कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धरना-प्रदर्शन नहीं करेगा ना ही किसी दूसरे शख्स को इसके लिए प्रेरित करेगा.

इन आदेशों का करना होगा पालन

  • बिना अनुमति धरना प्रदर्शन, अनशन की मनाही

  • धारा 144 लागू होने के दौरान लाठी, डंडा या किसी प्रकार का हथियार लेकर कोई नहीं चलेगा.

  • कोई भी व्यक्ति विवादित स्थानों जहां पर पूजा या नमाज की प्रथा न रही हो वहां पूजा नहीं करेगा या नमाज नहीं पढ़ेगा.

  • परीक्षा केंद्रों से 200 गज की दूरी होनी चाहिए. वहीं एक सा 5 से अधिक लोग एक साथ न घूमें

  • सार्वजनिक स्थलों, जुलूसों के मार्गों पर कोई भी व्यक्ति छुट्टा जानवरों का विचरण नहीं कराएगा.

  • परीक्षा केंद्र के भीतर बिना अनुमति मोबाइल फोन, पेजर, कैलकुलेटर लेकर नहीं जाएगा.

बता दें कि दो साल के बाद एक साथ मंदिरों और मस्जिदों में फिर से रौनक लौटेगी. चैत्र नवरात्रि दो अप्रैल को शुरू हो रहे हैं, तो वहीं रमजान तीन अप्रैल से शुरू हो सकता है. दरअसल रमजान की शुरुआत के लिए 2 अप्रैल को यदि चांद के दीदार हो जाएंगे तो यह अगले दिन से शुरू हो जाएंगे. वहीं, 28वें दिन चांद दिखने पर 29वें दिन ईद मानने का रिवाज है. बता दें कि पिछले दो साल से कोरोना के प्रतिबंधों की जकड़न में ही पर्व मनाये जाते रहे हैं.

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