Bareilly News: नगर निकाय चुनाव के दावेदार महीनों से सियासी रण जीतने की कोशिश में जुटे हैं. वह जनता के बीच रात-दिन मेहनत करने के साथ ही लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम के मेयर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन) पद के दावेदार आरक्षण के इंतजार में काफी परेशान हैं.
गुरुवार को नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायत के वार्ड का आरक्षण जारी कर दिया गया. इसके बाद पार्षद और सभासद पद के दावेदार चुनाव जीतने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन मेयर और चेयरमैन पद के दावेदार काफी परेशान हैं. उनका आरक्षण अटका हुआ है. शनिवार को नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा प्रेस कान्फ्रेस कर आरक्षण जारी करने की तैयारी में थे. मगर, अचानक रोक लग गई, लेकिन अब सोमवार से मंगलवार तक मेयर और चेयरमैन पद का आरक्षण जारी होने की उम्मीद है.
पिछली बार 16 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 453 नगर पंचायत थीं, जो अब बढ़कर 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 546 नगर पंचायत हैं. नगर निकाय चुनाव 2017 में बरेली मेयर की सीट अनारक्षित थी. मगर, इस बार एससी महिला होने की अधिक संभावना है. पिछली बार 16 नगर निगम थे. इस बार नगर पालिका शाहजहांपुर को नगर निगम बनाया गया है. इससे 17 नगर निगम हो गए हैं.
निकाय चुनाव 2017 में मथुरा-वृंदावन अनुसूचित जाति, मेरठ अनुसूचित जाति महिला, फिरोजाबाद और वाराणसी पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर और गोरखपुर पिछड़ा वर्ग, लखनऊ, कानपुर नगर और गाजियाबाद मेयर सीट महिला, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी और फैजाबाद अनारक्षित थी. इनमें चक्रनुक्रमांक आरक्षण होने से बदलाव होने की उम्मीद है. बरेली में चार नगर पालिका हैं. इसमें से नगर पालिका बहेड़ी और नवाबगंज पिछड़ा वर्ग महिला, नगर पालिका फरीदपुर महिला और नगर पालिका आंवला अनारक्षित थी.
बरेली में 15 नगर पंचायत हैं. मगर, पिछले चुनाव में नगर पंचायत फरीदपुर, धौराटांडा, रीछा, शीशगढ़, और शेरगढ़ में पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित थीं. यहां पिछड़ा वर्ग महिला चेयरमैन हैं. नगर पंचायत रिठौरा, बिशारतगंज, देवरनिया, मीरगंज और फतेहगंज पश्चिमी नगर पंचायत का चेयरमैन पद पिछड़ा वर्ग के लिए था. नगर पंचायत सिरौली, ठिरिया निजावत खां और शाही महिला के लिए आरक्षित थी, जबकि नगर पंचायत सैंथल और फतेहगंज पूर्व में चेयरमैन पद अनारक्षित था.
बरेली की सभी नगर निकाय में चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की लंबी लाइन है.सबसे अधिक भाजपा में टिकट दावेदार हैं, लेकिन इसके बाद सपा के पास भी दावेदार हैं.मगर, बसपा और कांग्रेस के पास दावेदारों की कमी है.इसके साथ ही अपना दल, आरजेडी, जदयू, आरजेडी आदि दल से भी टिकट लेने वालों की भीड़ है.
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रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली