UP News: वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी (Gyanvapi Shringar Gauri) केस का फैसला आने के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया. इस दौरान प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बाराबंकी और अन्य क्षेत्रों में भी फ्लैग मार्च किया गया. साथ ही यूपी के सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि, ज्ञानवापी मामले में फैसला के बाद सभी संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. पेट्रोलिंग की जा रही है, शांति सुनिश्चित की जा रही है. साथ ही धार्मिक प्रमुखों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों को सतर्क रहने, संवेदनशील इलाकों में गश्त करने और शांति सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि, जिला पुलिस प्रमुखों और पुलिस आयुक्तों को भी शांति बैठकें करने का निर्देश दिया गया है, जबकि पीएसी और आरएएफ की कंपनियां संवेदनशील इलाकों में स्टैंडबाय पर रहेंगी. फैसले के संबंध में सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया गया है. उन्होंने कहा कि, कोर डिजिटल टीमों को संवेदनशील जिलों में व्हाट्सएप पर चल रहे संदेशों पर नजर रखने के लिए कहा गया है. डीजीपी मुख्यालय वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, चित्रकूट सहित राज्य के मंदिर कस्बों की कानून व्यवस्था की निगरानी कर रहा है.
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस के फैसले के दिन यानी सोमवार को कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस सुनने लायक है. मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर से होनी है. ज्ञानवापी मामले पर वाराणसी जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो फैसला हिंदू पक्ष के हक में आया है.
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हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता मंजू व्यास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदालत के फैसले से संपूर्ण देश खुश है. हिंदू भाइयों और बहनों से विनती है कि आज फैसले के जश्न में अपने घरों में घी के दीये जलायें, शंख और नगाड़े बजाने के साथ ही हर-हर महादेव के नारे भी लगाएं. वहीं अदालत का फैसला आने के बाद कचहरी परिसर में हर-हर बम-बम और हर हर महादेव का उद्घोष काफी देर तक गूंजता रहा.
फैसले से नाराज मुस्लिम पक्षकार के वकील मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने अदालत पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि यह फैसला न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हम फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. जज साहब ने फैसला 1991 के संसद के कानून को दरकिनार कर दिया है. ऊपरी अदालत के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं. न्यायपालिका आपकी है. आप संसद के नियम को नहीं मानेंगे. सब लोग बिक गए हैं.