Lucknow: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में उत्तर प्रदेश ने देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए रोजगार सृजन के तहत वार्षिक लक्ष्य 2600 लाख मानव दिवस के मुकाबले 2438.62 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं. मानव दिवस सृजन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश ने 7809.74 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश ने 61.53 लाख परिवारों को रोजगार दिया गया है. यही नहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2,77,878 परिवारों को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है और 100 दिवस का पूर्ण रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है.
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह मनरेगा अभिसरण (कन्वर्जेंस) के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों के लिए लाइन विभागों की प्रभावी सहभागिता व फील्ड स्तर पर अभिसरण की आवश्यकता के मद्देनजर ठोस कदम उठाएं इसके साथ ही मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत प्रगति बढ़ाई जाए.
मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत श्रम, एसआरएलएम, भूगर्भ जल विभाग, लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, उद्यान, परती भूमि विकास, बेसिक शिक्षा, पशुपालन, युवा कल्याण, रेशम, कृषि रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, बाल विकास एवं पुष्टाहार, ग्रेटर शारदा सहायक, ग्रामीण अभियंत्रण डेरी, सिंचाई, लघु सिंचाई आदि लगभग 24 से अधिक विभागों द्वारा कार्य कराया जाता है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि मनरेगा के तहत धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत वर्ष 2022-23 में 1802.97 करोड़ रुपये का वित्तीय लक्ष्य रखा गया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित विभाग पूरी तत्परता और गंभीरता के साथ मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत कराए जाने वाले कार्यों को समय से पूरा करके हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें.
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा के तहत जिन श्रमिकों ने 90 दिन मनरेगा में कार्य किया है, उन्हें बीओसीडब्ल्यू बोर्ड (श्रम विभाग) में पंजीकरण कराते हुए श्रम विभाग की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराया जाए.