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Love Jihad : उत्तर प्रदेश में ‘एंटी लव जिहाद’ विधेयक विधानसभा में पारित, 10 साल तक की सजा का प्रावधान

Uttar Pradesh, yogi government passed love jihad ordinance, up budget session, love jihad kya hai उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लाये गये उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को बुधवार को पारित कर दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2021 8:39 PM
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  • उत्तर प्रदेश विधानसभा में लव जिहाद विधेयक पारित

  • गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने या धर्म छिपाकर शादी करने पर सख्त सजा का प्रावधान

  • लव जिहाद पर हो सकती है 10 साल तक की सजा

उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लाये गये उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को बुधवार को पारित कर दिया.

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पेश किया. विधेयक का विरोध करते हुये कांग्रेस की नेता अराधना मिश्रा ने कहा, संविधान हमें निजता का अधिकार देता है, शादी विवाह किसी भी व्यक्ति का निजी मामला है और यदि कोई जोर जबरदस्ती नहीं है तो राज्य का उसमें हस्तक्षेप करना संविधान के विरूद्ध है.

उन्होंने इसे प्रवर समीति में भेजने की मांग की. बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा ने कहा कि यह विधेयक संविधान विरोधी है. उन्होंने कहा कि इसे सरकार वापस ले या इसे प्रवर समीति के पास विचार विमर्श के लिये भेजे. विधानसभा में पास होने के बाद यह विधेयक अब विधानपरिषद जायेगा.

क्या है लव जिहाद के मसौदे में खास

गौरतलब है कि विधेयक लाये जाने से पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नवंबर 2020 में उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश को मंजूरी दी थी. इसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराये जाने और शादी करने पर दस वर्ष की कैद और विभिन्‍न श्रेणी में 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

विधेयक में विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष के कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. विधेयक के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव डाल कर विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म से दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो.

इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया गया है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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