Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बच्चों से मजदूरी कराने को लेकर सख्त हो गयी है. अब औद्योगिक प्रतिष्ठानों में बच्चों से मजदूरी कराना कारखाना मालिकों को महंगा पड़ेगा. राज्य सरकार बाल श्रम रोकने को सजा और जुर्माने के प्रावधान और कड़े करने जा रही है. अब बाल मजदूरी का मामला पकड़े जाने पर नियोक्ता को एक साल तक जेल हो सकती है, वहीं उससे 60 हजार रुपये तक जुर्माना वसूले जाने का प्रस्ताव है.
बता दें कि बाल श्रम अधिनियम की राज्य नियमावली में बदलाव का मसौदा तैयार है. अब कैबिनेट की मुहर लगने के बाद नए बदलाव प्रदेश में प्रभावी हो जाएंगे। यूं तो फैक्ट्रियों-कारखानों में बच्चों से काम कराने पर अभी भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है. मगर अब इसमें बदलाव किया जा रहा है. अभी तक बाल श्रम का मामला पकड़ में आने पर पांच हजार से 20 हजार रुपये तक जुर्माना वसूलने की व्यवस्था है. साथ ही एक से तीन माह तक जेल का प्रावधान है.
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बता दें कि देश में 14 साल से कम उम्र के बच्चों से मेहनत मजदूरी जैसा शारीरिक काम कराना जुर्म है. देश के बाल श्रम कानून में किसी भी सूरत में 14 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर नहीं लगाया जा सकता. अब बाल श्रम कानून के उल्लंघन में पकड़े गए लोगों के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मुकदमा दर्ज होगा. यानी जमानत के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेशी जरूरी है. यानी जमानत के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेशी जरूरी है. अब बाल श्रम से छुड़ाए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए अलग से फंड यानी कोष का भी प्रावधान है.