Lucknow News: वाराणसी में शनिवार की सुबह गंगा में नौका संचालन के दौरान अधिक यात्रियों को बैठाने और सुरक्षा के मानकों का पालन न किए जाने की वजह से तीस से अधिक सैलानियों से भरी नाव अचानक ही डूब गई. गनीमत रही सभी को बचा लिया गया और बड़ा हादसा टल गया.
दक्षिण भारत के केरल और आंध्र प्रदेश के 34 यात्रियों का समूह गंगा में नौकायन करने निकला. केदार घाट के रहने वाले अमित साहनी के नाव में सभी सवार हुए. दरभंगा घाट से उस पार रेती की तरफ जाते समय शनिवार की सुबह नाव में अचानक पानी भरने लगा. पुरानी नाव होने के कारण नाव में धीरे धीरे पानी भरने लगा.
यात्रियों ने शोर मचाया. आरोप है कि इस दौरान नाविक कूद कर भाग निकला. शोर शराबा-चीख पुकार सुन समय पर मल्लाह और पुलिस पहुंच गई और आनन फानन में सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. इसमें दो लोगों को चोट आई है. उन्हें मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा में भर्ती कराया गया है. दशाश्वमेध थाने की पुलिस ने नाविक को हिरासत में लिया है.
एक यात्री ने बताया कि जब उन लोगों ने मदद के लिए आवाज दी तो अपनी जान की परवाह ना करते हुए वाराणसी प्रशासन और सिविल ड्रेस में आये लोगों ने उन्हें बचाया. हम सभी इसके लिए बेहद कृतज्ञ हैं. कई यात्रियों ने इसके लिए बाबा काशी विश्वनाथ और गंगा मैया को नमन कर आभार जताया कि उन्होंने इस गंभीर दुर्घटना में सभी को सुरक्षित बचाया.
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इस मामले में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने इस घटना को का कड़ा संज्ञान लिया है. एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय ने बताया कि आज सुबह एक नाव केदार घाट से यात्रियों को लेकर गंगा उस पार जा रहा था. बीच नदी में उसका पटरा टूट जाने के कारण उसमें पानी भर गया, जिससे लोग डूबने लगे मौके पर हमारी पुलिस बल, जल पुलिस एवं स्थानीय मल्लाहों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर लोगों को बचाया. इस पूरे मामले में नाव चलाने वाले नाविक अमित मांझी का नाम सामने आया है. उस पर मुकदमा दर्ज किया गया है. घटना में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.