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Varanasi Flood: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों ने छोड़े घर, गलियों में चल रहीं नाव

वाराणसी शहर के 20 वार्ड और जिले के 104 गांव बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7048 बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में और रिश्तेदारों के यहां घरों पर विस्थापित किया गया है. बाढ़ के पानी से जिले में 370,02 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.

Varanasi Flood News: मंदिरों और घाटों के शहर काशी में गंगा नदी का उफान जारी है. गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है. काशीवासियों को मां गंगा अब डराने लगी हैं. वाराणसी में गंगा की उफनाई लहरें रविवार की शाम को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में प्रवेश कर गईं. जलासेन पथ के रास्ते धाम में गंगा की लहरें घुसने के बाद पूरा रैंप पानी में डूब गया. दूसरी तरफ गंगा ने अस्सी घाट को पूरी तरह से डूबो दिया है. वरुणा कॉरिडोर पूरी तरह डूब चुका है. तटवर्ती करीब दर्जनभर मोहल्ले में लोग राहत शिविर में शरण लिये हैं. ढाब व गोमती के पास के इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गईं हैं.

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370,02 हेक्टेयर फसल प्रभावित

वर्तमान में अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नावें चल रही हैं. गंगा में आई बाढ़ से करीब दो लाख लोगों पर असर पड़ेगा. अभी तक काशी में बाढ़ से करीब 20 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं. 10 हजार से ज्यादा लोग अपने घर को छोड़कर जा चुके हैं. वाराणसी शहर के 20 वार्ड और जिले के 104 गांव बाढ़ की समस्या का सामना कर रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7048 बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविरों में और रिश्तेदारों के यहां घरों पर विस्थापित किया गया है. बाढ़ के पानी से जिले में 370,02 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है.

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1000 से ज्यादा दुकानें जलमग्न

केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर है. गंगा में बढ़ाव की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा बनी हुई है. जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. गंगा में बाढ़ की वजह से प्रशासन ने नाव चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में नाविक समाज के लोग खाली बैठे हैं. घाट के किनारे दुकान लगाने वाले चुनरी, प्रसाद, फूलमाला बेचने वाले करीब एक हजार से ज्यादा दुकानें गंगा में जलमग्न हो गई हैं.

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नाव से ले जा रहे लाश

वाराणसी में सबसे ज्यादा दिक्कत शवदाह में हो रही है. वाराणसी के मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शव को ले जाने के लिए नाव बुक करना पड़ रहा है. लकड़ियां भी पानी की वजह से गीली हो गई हैं. शवदाह में काफी समय लग रहा है. मणिकर्णिका के कालू डोम ने बताया कि कई साल के बाद गंगा में इतना पानी बढ़ा है. दाह संस्कार की लकड़ियों को काफी ऊंचाई पर रखवाया गया है लेकिन पानी वहां भी पहुंच गया है. इस वजह से लकड़ियां गीली हो गई हैं.

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गर्दन तक चढ़ चुका है पानी

भोले भगवान की राजधानी काशी में अब मां गंगा अपना वीभत्स रूप दिखाने को तैयार हो चुकी हैं. गंगा के बढ़ाव की वजह से सहायक नदियां वरुणा के बढ़ाव की वजह से पानी अब वरुणा के किनारे बसे मकानों और कॉलोनियों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ की वजह से सामने घाट, मारुति नगर, सीर गोवर्धनपुर के पीछे की कॉलोनीज में कहीं कमर भर और कहीं गर्दन तक पानी चढ़ गया है.

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शेल्टर होम की व्यवस्था की गई

सामनेघाट पर करीब आधा दर्जन कॉलोनियों पर खतरा मंडराने लगा है. सामनेघाट स्थित ज्ञान प्रवाह नाला से पानी कॉलोनियों में घुसने लगा है. इससे गायत्री नगर, काशीपुरम विस्तार में तीन दर्जन से अधिक मकान पानी से घिर गए हैं. नगर निगम ने शेल्टर होम में पीड़ितों के लिए व्यवस्था की है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि सभी शेल्टर होम में पेयजल समेत अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था की गई है.

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मदद के लिए इन नंबर्स पर करें कॉल

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने आदेश दिया है कि सभी थाना प्रभारी जिन इलाकों में लोग अपना घरों को छोड़ के बाढ़ राहत शिविर में रह रहे हैं. उनके बंद घरों में चोरी की शिकायत नहीं आनी चाहिए. पुलिस वहां मोटर बोट से पेट्रोलिंग बढ़ाए और पुलिस ये भी सुनिश्चित करे कि बाढ़ के मकान में कोई फंसा न हो. कमिश्नर ने ये अपील की है बाढ़ पीड़ित मदद पाने के लिए 112 नंबर और थाना प्रभारी के सीयूजी नंबरों पर फोन करें. थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि सीयूजी पर आने वाली सभी कॉल्स को रिसीव करें और किसी ने मदद मांगी है तो एनडीआरएफ की टीम को साथ लेकर मदद के लिए तुरंत पहुंचें.

Also Read: UP: वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर से स्थानीय लोगों में दहशत, 280 परिवारों ने राहत शिविरों में ली शरण

रिपोर्ट और तस्वीरें : विपिन सिंह

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