वाराणसी में मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के स्थान में किया गया बदलाव, डोम राजा बोले…

हरिश्चंद्र घाट पर अब अंतिम संस्कार सीढ़ियों पर हो रहा है तो मणिकर्णिका घाट पर शवदाह का काम ऊंचे प्लेटफॉर्म पर संपन्न कराया जा रहा है. इसके चलते शवदाह के काम में भी देरी हो रही है. डोम राजा परिवार के लोगों का कहना है कि अभी गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होगी तब दिक्कत ज्यादा होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 30, 2022 2:11 PM

Varanasi News: वाराणसी में में मोक्षदायिनी मां गंगा के शवदाह के परंपरागत घाटों मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के लिए स्थान परिवर्तित कर दिए गए हैं. इसकी वजह है गंगा का बढ़ता जलस्तर.

डोम राजा परिवार ने कहा…

इन घाटों का शवदाह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. इस वजह से अंतिम संस्कार को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हरिश्चंद्र घाट पर अब अंतिम संस्कार सीढ़ियों पर हो रहा है तो मणिकर्णिका घाट पर शवदाह का काम ऊंचे प्लेटफॉर्म पर संपन्न कराया जा रहा है. इसके चलते शवदाह के काम में भी देरी हो रही है. डोम राजा परिवार के लोगों का कहना है कि अभी गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होगी तब दिक्कत ज्यादा होगी.

वाराणसी में मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार के स्थान में किया गया बदलाव, डोम राजा बोले... 2
काशी को क्यों कहते हैं मोक्षनगरी?

काशी मोक्ष की नगरी इसलिए जानी जाती है क्योंकि मान्यता है कि यहां मिली मौत के बाद सीधे मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. यही वजह है कि काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट व हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की प्रक्रिया के लिए वाराणसी जिले ही नही अपितु पूर्वांचल समेत आसपास के भी जिलों से लोग आते हैं. मगर वाराणसी में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से लोगों को अंतिम संस्कार में समस्या आ रही है. बाढ़ की वजह से ही हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट के परंपरागत शवदाह स्थल डूब गए हैं. हरिश्चंद्र घाट पर डोम राजा परिवार के ओंकार चौधरी ने कहा कि अभी तो यहां कायदे की बारिश भी नहीं हुई है.

लोहे के सांचे जलमग्न

पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भीषण बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसी वजह से फिलहाल यहां घाट की सीढ़ियों पर शवदाह कराया जा रहा है. इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो कल से गली की ओर रुख करना होगा. ओंकार चौधरी ने कहा कि मणिकर्णिका घाट पर भी पक्का शवदाह स्थल और चिताओं के लिए बने लोहे के सांचे जलमग्न हो चुके हैं.

धुकधुकी बढ़ गई

वाराणसी में शनिवार को गंगा अपने चेतावनी बिंदु यानी 70.262 मीटर से 4 मीटर नीचे 66.02 मीटर नीचे बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार आज गंगा के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी हो रही है. गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट पर रोजाना होने वाली आरती के स्थान भी लगातार बदल रहे हैं. इसके अलावा गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा नदी भी अब उफनाने लगी है. इसके साथ ही निचले इलाकों में रहने वालों की धुकधुकी बढ़ गई है.

रिपोर्ट : विपिन सिंह

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