गंगा के बढ़ते जलस्तर के चलते मायूस नहीं होंगे सैलानी, अस्सी से राजघाट तक भागीरथी क्रूज से करें नदी की सैर
नौका विहार करने वालों का मन कहां मानने वाला है. इसको देखते हुए बोटिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध के बाद क्रूज राइड की डिमांड बढ़ गई है. काशीवासी और पर्यटकों का रुख तेजी से क्रूज की तरफ बढ़ रहा है. वहीं, पर्यटन विभाग द्वारा अब प्रसाद स्कीम के तहत अस्सी से राजघाट तक भागीरथी क्रूज का संचालन किया जा रहा है.
Varanasi News: वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से नाव संचालन पर रोक लग चुकी हैं. मगर नौका विहार करने वालों का मन कहां मानने वाला है. इसको देखते हुए बोटिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध के बाद क्रूज राइड की डिमांड बढ़ गई है. काशीवासी और पर्यटकों का रुख तेजी से क्रूज की तरफ बढ़ रहा है. वहीं, पर्यटन विभाग द्वारा अब प्रसाद स्कीम के तहत अस्सी से राजघाट तक भागीरथी क्रूज का संचालन किया जा रहा है.
क्या है वाराणसी में PRASAD स्कीमइसकी आधिकारिक जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर देते हुए यूपी टूरिज्म डिपार्टमेंट ने कहा है कि भारत सरकार ने पर्यटन मंत्रालय के तहत साल 2014-2015 में PRASAD स्कीम शुरू की थी. प्रसाद योजना का उद्देश्य भारत में धार्मिक पर्यटन के विकास और प्रमोशन का मार्ग प्रशस्त करना है. पर्यटन विभाग ने भागीरथी क्रूज बोट के संचालन का पोस्टर ट्वीट करते हुए पर्यटकों के लिए इस विशेष सुविधा को लांच किया है.
क्रूज के माध्यम से पर्यटकों को रोजाना शाम साढ़े 6 बजे संत रविदास घाट से चलकर राजघाट और वहां से दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती दिखाकर वापस लाया जा रहा है. अलकनंदा क्रूज लाइन के संचालक विकास मालवीय ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से क्रूज की डिमांड बढ़ गई है. किराया में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है. भागीरथी क्रूज का किराया 500 से 700 रुपए और वहीं अलकनंदा का रेट 900 रुपए चल रहा है. पूरा टूर डेढ़ घंटे का होता है. वाराणसी में इस समय गंगा में इमरजेंसी केसेज के लिए प्रतिबंधित नहीं किया गया है.
Also Read: पटना से अमृतसर जा रही फ्लाइट की वाराणसी में हुई आपात लैंडिंग, एक घंटे रुका रहा विमान विंध्याचल तक की कराएगा सैरवाराणसी में चार क्रूज हैं. सभी का संचालन संत रविदास घाट से होता है. चार क्रूज में सबसे बड़ी क्रूज हैं सैम मानिक शॉ और विवेकानंद, वहीं छोटे क्रूज में अलकनंदा और भागीरथी क्रूज है. विकास मालवीय ने बताया कि कुछ ही दिनों में वाराणसी से विंध्याचल तक की गंगा यात्रा भी शुरु हो रही है. गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. पानी थोड़ा और हो जाए तो फिर क्रूज को बिना किसी दिक्कत के विंध्याचल तक ले जाया जा सकता है.
Also Read: शाम ढलने तक काशी के बाबा के दर्शन को उमड़े 5.75 लाख श्रद्धालु, बमभोले के जयकारे से गूंज उठा वाराणसी अगले दिन संगम दर्शन कराएगाइसके बाद क्रूज को संगमनगरी प्रयागराज तक ले जाने का प्लान है. यह यात्रा दो दिन की होगी. रास्ते में चुनार किले पर स्टॉपेज और विंध्यवासिनी देवी धाम पर रात्रि प्रवास होगा. अगले दिन प्रयागराज पर संगम दर्शन कराएगा. विकास मालवीय ने बताया कि पिछले साल ही वाराणसी से चुनार की यात्रा शुरू हुई थी. इसमें एक यात्री से 3 हजार रुपए वसूले गए थे. विंध्यवासिनी देवी और प्रयागराज का किराया अभी निर्धारित नहीं किया गया है. मां विंध्यवासिनी के दर्शन कराते हुए विंध्य क्षेत्र में रात्रि प्रवास का मौका देगा. इसके साथ ही अगले दिन संगम दर्शन कराएगा.
Also Read: शाम ढलने तक काशी के बाबा के दर्शन को उमड़े 5.75 लाख श्रद्धालु, बमभोले के जयकारे से गूंज उठा वाराणसीरिपोर्ट : विपिन सिंह