Loading election data...

UP News: ज्ञानवापी विवाद से जुड़े केस की आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई, मुस्लिम पक्ष जारी रखेगा बहस

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में आज, 4 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष को सुना जाएगा. मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद हिंदू पक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. मामले में जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2022 11:20 AM

Gyanvapi Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सुनवाई का सिलसिला लगातार जारी है. मामले में आज, 4 नवंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष को सुना जाएगा. मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद हिंदू पक्ष को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. मामले में जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही है.

आज मुस्लिम पक्ष अपनी बहस जारी रखेगा

इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi masjid case) में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी. जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच ने सुनवाई की. अब आज भी हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष अपनी बहस जारी रखेगा. मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी होने के बाद विपक्षियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.

जिला अदालत के फैसले को दी गई है चुनौती

दरअसल, वाराणसी की जिला अदालत ने पोषणीयता को लेकर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की आपत्ति खारिज कर दी थी. वाराणसी के जिला जज ने अपने आदेश में कहा था कि इन वादियों (महिलाओं) का वाद पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991, वक्फ एक्ट, 1995 और यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम, 1983 से बाधित नहीं होता. इसके बाद अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. मामले में गुरुवार को कुछ समय की सुनवाई के बाद अदालत ने शुक्रवार तक के लिए अगली सुनवाई टाल दी, जोकि आज दोपहर 2 बजे से फिर शुरू होगी.

शिवलिंग की कार्बन डेटिंग से इनकार कर चुका है कोर्ट

इधर, वाराणसी की जिला अदालत ने कार्बन डेटिंग मामले (Gyanvapi Carbon Dating Case) में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने इससे पहले दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हिंदू पक्ष की मांग है कि शिवलिंग की जांच के लिए कार्बन डेटिंग तकनीक को अपनाया जाए, जिससे की सही उम्र का पता लगाया जा सके, तो वहीं मुस्लिम पक्ष कथित शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है.

Next Article

Exit mobile version