श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी केस: जज बोले- जरूरत पड़ी तो हम खुद चलकर करा देंगे सर्वे, आज भी जारी रहेगी सुनवाई
ज्ञानवापी केस में अधिवक्ता कमिश्नर बदलने के मामले पर बुधवार यानी आज भी कोर्ट की बहस जारी रहेगी. मंगलवार को सुनवाई पूरी न होने के कारण कोर्ट ने बुधवार यानी 11 मई को भी बहस जारी करने का आदेश दिया है.
Varanasi News: श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस में अधिवक्ता कमिश्नर बदलने के मामले पर सुनवाई का सिलसिला लगातार जारी है. मामले में मंगलवार को भी सुनवाई पूरी न होने के कारण कोर्ट ने बुधवार यानी आज भी बहस जारी करने का आदेश दिया है. अदालती कार्यवाही के दौरान पूरे परिसर में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे.
ज्ञानवापी मामले में विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने बीते 7 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार की अदालत से कोर्ट कमिश्नर बदलने की मांग की. इस याचिका पर सोमवार और मंगलवार को सुनवाई हुई. 10 मई को दोपहर दो बजे सुनवाई शुरू हुई जो 1 घंटा 47 मिनट तक चली. मामले पर पूरी तरह से सुनवाई न हो पाने की वजह से कोर्ट ने फैसला आज (11 मई) के लिए टाल दिया.
वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि प्रतिवादी पक्ष की ओर से बिना किसी तथ्य के सिर्फ हवाई बातें की गईं. इसको गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने जरूरत पड़ने पर स्वयं मौके पर जाकर कमीशन की कार्रवाई को पूर्ण कराने की भी बात कही है. अधिवक्ता दीपक सिंह ने बताया कि माननीय न्यायालय ने दोनो पक्षों की बात सुनी. उसके बाद एकबार फिर से सुनवाई के लिए 11 मई की तिथि निर्धारित की. इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.
मुस्लिम पक्ष की तरफ से इस मामले को टालने का भरपूर प्रयास हो रहा है. वे चाह रहे हैं कि ये मामला लंबा खीचा जाए. यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि प्रतिवादी पक्ष के लोग तारीख पर तारीख लेकर इस मामले को टालना चाह रहे हैं. प्रतिवादी पक्ष ने अधिवक्ता कमिश्नर को बदलने की जो मांग उठाई है. वह बेबुनियाद है क्योंकि अभी तक कार्रवाई शुरू ही नहीं हुई तो फिर पक्षपात करने का आरोप कहां से लग गया? जब कमीशन की कार्रवाई हुई ही नहीं तो रिपोर्ट कहां से आ जाएगी. सुनवाई के दौरान आज हम लोगों ने न्यायालय की अवमानना की भी बात रखी है. सर्वे के दौरान जितनी भी बाधा प्रतिवादी पक्ष के द्वारा कराई गई उन सबकी रिकॉर्डिंग है. वे सबूत हैं हमारे पास, अधिवक्ता कमिश्नर ने भी अपना पक्ष रखा है. सर्वे होकर रहेगा इसके लिए कोर्ट कल फैसला करेगी. सभी वादियों ने कहा है कि ज्ञानवापी आदिविश्वेश्वर के मंदिर परिसर का हिस्सा है. पूर्व में यहां नंदी भगवान थे और यहां पूजा-पाठ होता था.