Varanasi News: महामूर्ख मेला में कवियों ने श्रोताओं को खूब हंसाया, बताया क्या है जीवन की बड़ी मूर्खता

वाराणसी के डॉ राजेंद्र प्रसाद घाट पर शुक्रवार की देर रात प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थान शनिवार गोष्ठी द्वारा महामूर्ख मेला 2022 का आयोजन किया गया. इस अनूठे हास्य महोत्सव को स्वर्गीय अन्नपूर्णानन्द की याद में मनाया गया. विभिन्न जिलों से आये हास्य कवियों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को खूब हंसाया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2022 11:16 AM

Varaansi News: वाराणसी के डॉ राजेंद्र प्रसाद घाट पर शुक्रवार की देर रात प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थान शनिवार गोष्ठी द्वारा महामूर्ख मेला 2022 का आयोजन किया गया. इस अनूठे हास्य महोत्सव को स्वर्गीय अन्नपूर्णानन्द की याद में मनाया गया. विभिन्न जिलों से आये हास्य कवियों की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को खूब हंसाया.

महामूर्ख मेला में मूर्खों ने विवाह को लेकर मत दिया कि ‘जीवन में विवाह करना सबसे बड़ी मूर्खता हैं. अतः नगर के ही प्रतिष्ठित जोड़े का उल्टा विवाह करा दिया गया, जिसमे श्रीमती दूल्हा बनी और श्रीमान दुल्हन. अब ऐसे में दूल्हे ने यह कहकर शादी से इनकार कर दिया कि दुल्हन की मूंछे हैं औऱ उसकी लंबाई अधिक है. छुट्टी- छुट्टा होने के बाद लोकनृत्य की प्रस्तुति की गई. कई जिलों से आये हास्य कवियों ने भी प्रस्तुति दी.

बाराबंकी के प्रमोद पंकज ने ‘योगी जी ने गाल पर रंग दिया ऐसा रंग हुवे विरोधी रंग से अंग- भंग. गाजीपुर के फजीहत गहमरी ने ‘मन मीरा सुर तुलसी’ हरदोई के अजित शुक्ला ने ‘दिए लुभावने ऑफर किंतु लगा न पाए जैक’, सांड बनारसी ने एक नया अभियान चलाया, हर कोई यहां चौकीदारी करेगा, दमदार बनारसी ने जिस पर हर वक्त शनिचर सवार होता है, की प्रस्तुति ने लोगो को खूब हंसाया. डॉ प्रशान्त सिंह ने तीनों लोक कांपते थे रावण के प्रताप से, समेत कल्याण विशाल सिंह ने ‘हम सुनाते हैं एक तुम कहानी सुनो’ की प्रस्तुति देकर सभी को लोटपोट कर दिया.

कवि सांड बनारसी ने इस मौके पर पहली अप्रैल हास्य पत्रिका का भी विमोचन किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ दीपक मधोक, विशिष्ट अतिथि पीएनबी के मंडल प्रमुख राजेश कुमार, एचडीएफसी से मनीष टण्डन, बीजेपी से प्रकाश श्रीवास्तव ,आनंद तिवारी, डॉ वीएम मिश्रा, अरमान अहमद को उलजुलूल का उपहार देकर सम्मानित किया गया. सभी कवियों और शनिवार गोष्ठी के पदाधिकारियों को पगड़ी, दुप्पटा, माला आदि से सम्मानित किया गया. सम्मेलन के मुखिया पण्डित सुदामा तिवारी सांड बनारसी ने इसके इतिहास और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला. संचालन दमदार बनारसी व धन्यवाद मनजीत त्रिपाठी ने किया.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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