सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा ‘बोल-बम’ का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा

सावन के चारों सोमवार के अवसर पर संध्या श्रृंगार आरती में की तैयारी के दौरान बाबा विश्वनाथ का शिव-पार्वती रूप का श्रृंगार होगा. बाबा दरबार की भव्य सजावट की गई है. पूरे परिसर में भक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 25, 2022 1:59 PM
an image

Varanasi Sawan 2022: भगवान शिव की नगरी काशी में सावन का दूसरा सोमवार हर्षोल्लास के बीच पूजा-अर्चना कर मनाया जा रहा है. यही कारण है कि बाबा विश्वनाथ को सावन का महीना बहुत प्रिय है. सोमवार की सुबह मंगला आरती के बाद गर्भगृह का पट खुलते ही पूरा काशी विश्वनाथ धाम हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा. सावन मास के दूसरे सोमवार पर भोग आरती तक करीब डेढ़ लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक किया.

सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 8

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रथम भगवान विश्वेश्वर की नगरी काशी शिवभक्तों के हर-हर महादेव के नारों से गूंज रही है. पूरी काशी में चारों ओर सिर्फ ‘बोल बम’ के गगनभेदी स्वर गूंज रहे हैं. मंदिर को जाने वाले सारे रास्तों पर सिर्फ केसरिया ही केसरिया नजार आ रहा है. हाथों में गंगाजल की लुटिया और पुष्प लिए हर भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए अधीर नजर आ रहा है.

सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 9
सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 10
सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 11
सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 12
सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 13
सावन के दूसरे सोमवार पर काशी में गूंज रहा 'बोल-बम' का जयकारा, तस्वीरों में देखें शिव की नगरी का नजारा 14

श्रद्धालु मन में बाबा विश्वनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा लिये हुए पूजन की प्रतीक्षा में मगन नजर आ रहे हैं. इस वक्त शिव की नगरी काशी में मोक्षदायिनी काशी की आभा में सावन मास अलौकिक नगरी के रूप में परिवर्तित हो जाती है. ऐसा भी कह सकते हैं कि शिव के पुण्य और प्रताप से सिर्फ शिवभक्तों का सैलाब ही काशी की परिणति हो जाती है. कहते हैं कि काशी के कण-कण में शंकर विराजमान रहते हैं.

Photo & Report : विपिन सिंह

Exit mobile version