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CM योगी के जनता दरबार में आए छोटे मामलों की हुई पड़ताल, पीड़‍ित और पुल‍िस का कराया गया आमना-सामना

सीएम ने नाराजगी जताते हुये स्‍पष्‍ट किया था कि इतने छोटे-छोटे मामले का निस्तारण तहसील और थाने पर ही हो जाना चाहिए. इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में एडीजी अखिल कुमार ने पीड़ित और पुलिस को आमने-सामने बैठाकर जल्‍द कार्रवाई के निर्देश दिये.

Gorakhpur News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गृहजनपद गोरखपुर के दौरे पर जनता दरबार लगाते हैं. मगर इसमें छोटे-छोटे तहसील स्‍तर के मामलों की अध‍िकता देखी जा रही है. कुछ दिन पहले सीएम योगी ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवा आश्रम में जनता दरबार लगाया था. उसमें एक फरियादी बकरी की हत्या का मामला लेकर पहुंचा था. ऐसे ही मामलों में फरीयादी और पुल‍िस अफसर का आमना-सामना करवाकर मामले की हकीकत को जानने का प्रयास किया गया है.

एडीजी और एसएसपी दंग रह गए…

इस पर सीएम ने नाराजगी जताते हुये स्‍पष्‍ट किया था कि इतने छोटे-छोटे मामले का निस्तारण तहसील और थाने पर ही हो जाना चाहिए. इसके बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में एडीजी अखिल कुमार ने पीड़ित और पुलिस को आमने-सामने बैठाकर जल्‍द कार्रवाई के निर्देश दिये. गोरखपुर के एनेक्सी भवन में असंतुष्ट फरियादी और संबंधित पुलिस अधिकारियों को बुलाया गया. इसके बाद एडीजी और एसएसपी के सामने फरियादी और संबंधित पुलिसकर्मियों से उनके सामने बातचीत की गई. अधिकारियों ने संबंधित पुलिस अफसर को चेताते हुए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया. कई मामलों में पुलिस की लापरवाही सामने आई. इसे देखकर एडीजी और एसएसपी दंग रह गए.

क्‍या कहते हैं शिकायती आंकड़े?
  • एनेक्सी भवन में 113 असंतुष्ट फरियादी पहुंचे थे.

  • सबसे ज्यादा असंतुष्ट मामले गोरखपुर उत्तरी क्षेत्र के थे.

  • गोरखपुर दक्षिणी क्षेत्र के 23 मामले मिले.

  • गोरखपुर शहरी क्षेत्र के 33 असंतुष्ट मामले सामने आए.

अपनी फटकार में क्‍या कहा था सीएम ने?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में जमीन, चोरी, मारपीट, पुलिस के लापरवाही बरतने आद‍ि के मामले सामने आये थे. सीएम योगी ने नाराजगी जताते हुये कहा था, ‘छोटे-छोटे मामले यहां नहीं आने चाहिए. इससे साफ है कि पुलिस थानों पर पीड़ितों की सुनवाई नहीं हो रही है. लापरवाही बरती जा रही है. इसके बाद से गोरखपुर एडीजी अखिल कुमार ने पीड़ित और पुलिस को आमने-सामने करने का फैसला लिया. उन्हें एनेक्सी भवन ने बुला लिया गया.

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Cm योगी के जनता दरबार में आए छोटे मामलों की हुई पड़ताल, पीड़‍ित और पुल‍िस का कराया गया आमना-सामना 2
ऐसे मामले आए सामने

केस 1 : गोरखपुर के बांसगांव थानाक्षेत्र के विकास गुप्ता जनता दर्शन में गुहार लगा चुके हैं. उनका आरोप है कि कुछ लोगों ने जबरदस्ती उनसे सादे कागज व चेक पर हस्ताक्षर करा लिए हैं. वह कागज और चेक का कहीं दुरुपयोग न करें. एडीजी अखिल कुमार ने इस मामले में बांसगांव थानेदार से जानकारी ली तो मामला सामने आया कि विकास जुआ खेलने का आदी है. वह जुए में 70 हजार रुपये हार चुका है. इसी के एवज में उसने 70 हजार रुपये के दो चेक दिए थे. चेक बाउंस हो गए हैं. चेक लेने वाले ने विकास को नोटिस भेजा था. इसके बाद से विकास ने थाने में यह एप्लीकेशन दी है कि उससे चेक और सादे कागज पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराया गया था.

केस 3 : गोरखपुर के खजनी थानाक्षेत्र की रहने वाली दो बहनें वंदना और अर्चना ने अधिकारियों को बताया कि जमीन को लेकर उनके चाचा और पिता में विवाद चल रहा है. मामला कोर्ट में चल रहा है. आरोप है कि उनका चचेरा भाई आए दिन दोनों बहनों के साथ छेड़खानी करता है. इसकी शिकायत उन दोनों ने पुलिस से की थी लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. दोनों फर‍ियाद‍ियों का कहना है कि पुलिस उल्टा उन पर ही झूठा आरोप लगा रही है.

केस 4 : पुलिस अधिकारियों के सामने एक ऐसा भी मामला सामने आया जहां पीड़ित रामकृपाल का आरोप है कि उनके पूरे परिवार को जान का खतरा है. आरोपी पक्ष अपराधी किस्म के लोग हैं. रामकृपाल ने पुलिस पर यह आरोप लगाया कि आरोपी पक्ष से मारपीट के बाद पुलिस ने टूटे हाथ की बजाए सही हाथ का जबरिया एक्‍सरे करा कर केस लगा दिया. बाद में उन्होंने प्राइवेट एक्स-रे कराया. रामकृपाल का आरोप है कि पुलिस विवेचक हमलावरों से मिला हुआ है. उनकी मांग यह है कि विवेचक अध‍िकारी को बदल दिया जाए.

केस 5 : जनसुनवाई में बांसगांव थानाक्षेत्र के सिरसिया गांव के अनुरोध व उनकी पत्नी चंदा भी पहुंची. उन्होंने बताया कि उनके 6 वर्षीय इकलौते बेटे कि 3 महीने पहले हत्या कर दी गई थी. उसके शव को घर से कुछ दूर पर झाड़ी में फेंक दिया गया था लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारोपी का पता नहीं लगा पाई है. उनका पुलिस पर आरोप है कि पुलिस खुद कुछ पता लगाने की कोशिश नहीं कर रही है और जिस पर संदेह है उसे पकड़ भी नहीं रही है.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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