Ambedkarnagar News: उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश और बाढ़ ने किसान और गरीब आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है. योगी सरकार भी बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन कुछ प्रशासनिक अधिकारी ऐसे भी हैं जो सरकार के किए धरे पर पानी फेरने पर आमादा हैं,और राहत पहुंचाने के जगह सरकार की किरकिरी कराने में जुटे हैं. ताजा मामला जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन की एक वायरल वीडियो से जुड़ा है.
दरअसल, अंबेडकरनगर जिले में घाघरा नदी इन दिनों उफान पर है. ऐसे निचले इलाकों में रहने वाले बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जगह-जगह पर बाढ़ चौकियां तैयार की गई हैं. इन राहत शिविर की स्थापना 500 मीटर या एक किलोमीटर के दायरे में की गई है, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द मदद दी जा सके. ऐसे में टांडा तहसील क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का गुरुवार को डीएम ने जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी पॉल एन कुछ ऐसा कह दिया जोकि अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसकी काफी आलोचना भी की जा रही है.
ये हैं डीएम सैमुअल पॉल एन…. प्रशासन की नजर में ये बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए निकले हैं. जिन ग्रामीणों को जोमैटो का मतलब भी नहीं पता…उन्हें ये इसकी सर्विस के बारे में बता रहे हैं..#Ambedkarnagar pic.twitter.com/oVoEdO5ed6
— Sohit Trivedi (@SohitSharma05) October 14, 2022
जिले के टांडा में भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के उद्देश्य से बाढ़ चौकी की स्थापना की गई है. चौकी पर ही पका भोजन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. इस बीच चौकी का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा कि, ‘बाढ़ चौकियों पर रुकने की व्यवस्था है, क्लोरीन टेबलेट दे देंगे, किसी को कोई समस्या नहीं आएगी. कोई बीमार होगा तो डॉक्टर आकर देख लेगा. इसलिए बाढ़ चौकी स्थापित होती है. बाढ़ चौकी का उद्देश्य ये नहीं है कि आप लोग घर पर रहेंगे तो क्या हम घर पर पहुंचवाएंगे खाना. जोमैटो सर्विस थोड़ी चला रहे हैं हम लोग. जोमैटो थोड़ी न चला रही है सरकार.’
जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने गुरुवार को टांडा के महरीपुर, अवसानपुर, अकबरपुर के मिर्जापुर, पंडाटोला व अकबरपुर नगर का जायजा लिया. इसके अलावा उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की. इस बीच उनका ये विवादित बयान काफी वायरल हो रहा है.