लखनऊ में रोटी और मजदूरी के नाम पर 100 स्वस्थ मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कर लगाया वीगो, जानें पूरा मामला

लखनऊ में एक प्राइवेट अस्पताल में मजदूरों के हंगामे की खबर मिली. पुलिस मौके पर पहुंची तो जांच शुरू हुई. पता चला कि 100 मजदूरों को खाने और मजदूरी का लालच देकर अस्पताल में भर्ती कर वीगो लगाया गया था. फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के हेड को गिरफ्तार कर लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 9, 2022 8:21 AM

Lucknow News: लखनऊ के थाना ठाकुरगंज में एक अस्पताल ने मेडिकल कॉलेज की एफिलेशन को लेकर फर्जीवाड़ा किया है. खाना और मजदूरी देने के नाम पर 100 स्वस्थ मजदूरों को अस्पताल में भर्ती करके उनका इलाज किया जा रहा था. जब मामले का खुलासा हुआ तो सभी हैरान रह गए. मजदूरों का रेस्क्यू करवाकर उन्हें पुलिस ने पूछताछ के बाद घर भेज दिया है.

आदमी बोला- बस…लेट जाओ

पीड़ित मजदूरों के मुताबिक, उनके पास एक आदमी आया था. उसने उन्हें खाने और दिहाड़ी देने का लालच दिया. इसके बाद वे उसके साथ हॉस्पिटल आए. जहां खाने को दलिया दी गई और बेड पर लेटने को कहा गया. बताया गया कि डॉक्टर देखने आएंगे. आपको बस लेटे रहना है. मजदूरों ने बताया कि कुछ देर बाद उन्हें इंजेक्शन लगा दिया गया. वीगो भी लगा दिया गया. पुलिस की जांच में पता चला कि मामला मेडिकल कॉलेज की एफिलेशन को लेकर था. इस संबंध में पुलिस ने एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज के डॉक्टर शेखर सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले का खुलासा कुछ यूं हुआ कि उनमें से एक मजदूर अस्पताल की बाउंड्री वॉल फांदकर भाग गया था. उसने जाकर अपने दूसरे साथियों के अस्पताल में ही होने की चर्चा की. मामला पुलिस तक पहुंचा. पुलिस ने बिना किसी देरी के कार्रवाई की और सबको अस्पताल से बाहर निकाल लाए.

मेडिकल कॉलेज के हेड गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ मेडिकल कॉलेज में किए गए इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब उनमें से एक मजदूर निकलकर भाग गया. लखनऊ में एक प्राइवेट अस्पताल में मजदूरों के हंगामे की खबर मिली. पुलिस मौके पर पहुंची तो जांच शुरू हुई. पता चला कि 100 मजदूरों को खाने और मजदूरी का लालच देकर अस्पताल में भर्ती कर वीगो लगाया गया था. फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के हेड को गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई कर रही है. वहीं, सोशल मीडिया में भी इस मामले का जिक्र हो रहा है.

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