Kanpur News: बीते 2 साल से कोरोना महामारी के बीच कानपुर में रावण दहन नहीं हो पाया था. इस साल रामलीला का आयोजन पंडालों में हुआ तो बारिश ने अपना दखल दे दिया. बुधवार को सुबह से कानपुर में झमाझम बारिश हो रही है. बारिश के कारण रावण के पुतले भी बुरी तरह से भीग गए. हवा के तेज झोकों ने पुतलों को धराशायी कर दिया. आयोजक पुतलों को बारिश से बचाने के इंतजाम करते रहे. पुतले गिर जाने से रामलीला और रावण दहन को लेकर संशय के हालात बन गए हैं. कमोबेश यही हाल पूरी यूपी में देखने को मिल रहा है.
कानपुर में कोरोना काल के चलते बीते दो वर्षों में दशहरा का त्योहार बहुत ही सीमित होकर रह गया था. इस बार सभी बंदिशों से मुक्त होकर विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई. कुछ दिनों से मौसम का भी पूरा साथ मिलता रहा. कानपुर में 80 स्थानों पर रामलीला का मंचन किया जा रहा है. दशहरा को लेकर रावण दहन के लिए भी जोर-जोर से तैयारियां की जा चुकी हैं. एक दिन पहले से रावण के पुतले खड़े किए जा चुके थे. कानपुर की प्रमुख परेड रामलीला में पांच दिन पहले से ही रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले खड़े हो चुके थे. सोमवार को कुंभकरण और मंगलवार को मेघनाद के पुतले का दहन भी हो चुका है. बुधवार शाम यानी दशहरा के अवसर पर रावण पुतला दहन होना है. मगर बारिश ने पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया.
श्री रामलीला सोसाइटी परेड द्वारा मनाया जा रहा 146वां विजयदशमी उत्सव इस बार खास है. परेड मैदान में राम-रावण युद्ध की लीला के मंचन और लगभग 90 फीट के रावण का पुतले दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों आते हैं. रावण दहन से पहले भव्य आतिशबाजी और लेजर लाइट शो का भी इंतजाम किया गया है. बुधवार सुबह से हो रही बारिश के चलते रावण का पुतला पूरी तरह भीग चुका है. उस पर लगा रंगीन कागज भी हट गया है. आयोजकों में भी दुविधा के हालात बने हुए हैं.
कानपुर में 80 से भी ज्यादा स्थानों पर दशहरा में पुतला दहन के लिए खड़े किए गए हैं. बुधवार की सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते आयोजक पुतलों को भीगने से बचाने की मशक्कत करते रहे. कहीं आयोजक पॉलीथिन लगवाने का प्रयास करते रहे तो कहीं पॉलीथिन की छतरी बनवाते रहे.
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