नयी दिल्ली/लखनऊ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)धनशोधन का एक मामला दर्ज करने वाला है. वह कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे, उसके परिवार के सदस्यों तथा उसके साथियों द्वारा अवैध वित्तीय लेन-देन तथा काली कमाई से अर्जित की गई संपत्ति की जांच करेगा. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी .
उन्होंने बताया कि लखनऊ स्थित जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय ने छह जुलाई को इस संबंध में कानपुर पुलिस को पत्र लिख कर दुबे (47) और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियां एवं अदालत में दायर किये गये आरोपपत्र तथा इन सभी मामलों की ताजा जानकारी मांगी है. कानुपर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि कानपुर क्षेत्र के महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल को ईडी का पत्र मिला है.
अधिकारियों ने कहा कि ईडी जल्द ही धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक एक शिकायत दर्ज कर यह जांच करेगा कि क्या दुबे, उसके परिवार के सदस्यों और उसके साथियों ने आपराधिक गतिविधियों से अर्जित किये गये धन का इस्तेमाल अवैध चल-अचल संपत्ति बनाने में किया था. यह आरोप है कि दुबे ने अपनी आपराधिक गतिविधियों से अपने और अपने परिवार के नाम पर काफी संपत्ति बनाई.
अधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उससे लगे कुछ इलाकों में दुबे और उसके परिवार से जुड़ी दो दर्जन से अधिक नामी और ‘बेनामी’ संपत्तियां, बैंक में जमा राशि और सावधि जमा पर केंद्रीय जांच एजेंसी की नजर है. अधिकारियों ने कहा कि कुछ पुलिस प्राथमिकी साझा की जा चुकी हैं जबकि एजेंसी कुछ और जानकारी हासिल करने में जुटी हुई है. कानपुर पुलिस के अधिकारी के मुताबिक ईडी ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘यह पता चला है कि विकास दुबे, कुख्यात अपराधी एवं कानुपर में आठ पुलिसकर्मियों के नरसंहार में शामिल, कई साल से कई सारे आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है और उसने आपराधिक गतिविधियों के जरिये अपने और अपने परिवार के तथा साथियों के नाम पर संपत्ति बनाई है. ”
उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने दुबे, उसके परिवार और करीबी साथियों के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी (दीवानी या फौजदारी) की सूची भी मांगी है. यह दुबे के जरिये इन संपत्ति में निवेश करने वालों के बारे में सूचना भी जुटा रही है. अधिकारियों के मुताबिक ईडी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से दुबे और अन्य लोगों की संभावित गुप्त विदेशी संपत्ति के बारे में विवरण भी मांग रहा है, इसके अलावा विभिन्न बैंकों से खातों का विवरण भी मांगा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि भले ही दुबे की मौत हो गई हो, लेकिन पीएमएलए के तहत एजेंसी को धनशोधन अपराधों और इन आपराधिक गतिविधियों से अर्जित की गई संपत्तियों को लेकर मुख्य अपराधी के साथियों के खिलाफ जांच की अनुमति है. अधिकारियों ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा 72 में मृत्यु या दिवालियेपन की स्थिति में भी कार्यवाही जारी रखने का प्रावधान है.
अधिकारियों का कहना है कि दुबे के खिलाफ पुलिस में लगभग 60 प्राथमिकियां दर्ज हैं, जिसमें तीन जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में उसके घर पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के संबंध में दर्ज प्राथिमिकी भी शामिल है. पुलिस का एक दल दुबे को आपराधिक मामले में गिरफ्तार करने गया था. इस दौरान दुबे और उसके साथियों ने छत पर से उनपर ताबड़तोड़़ गोलीबारी की थी. उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को दुबे को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak