कानपुर (Kanpur) के बहुचर्चित बिकरू कांड के अहम किरदार रहे विकास दुबे (Vikas Dubey) को लेकर एक बडी खबर आ रही है. मीडिया में चल रही रिपोर्ट के अनुसार विकास दुबे से जुड़ी फाइलें कानपुर कलेक्ट्रेट से गायब हो चुकीं हैं. बताया जा रहा है कि फाइलें विकास दुबे के ऑर्म्स लाइसेंस (Arms Licence) से जुड़ी हुई हैं. खबरों की मानें तो ऑर्म्स लाइसेंस से जुड़ी करीब 200 फाइलें गायब हैं. हालांकि जिले के डीएम (DM) की ओर से इस मामले में कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराने का काम किया गया है.
पुलिसकर्मियों पर गिर सकती है गाज : इधर पिछले दिनों खबर आई थी कि गैंगस्टर विकास दुबे मामले को लेकर कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है. असलहा लाइसेंस स्वीकृत करने को लेकर कई एसपी समेत 13 सीओ और 15 थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. असलहा लाइसेंस स्वीकृत में इनकी भूमिका की जांच होगी. इसके लिए सभी का डिटेल राजधानी लखनऊ भेजा जा रहा है, जहां कागजातों की जांच होगी. अब जांच में इनकी सहभागिता मिलती है तो कार्रवाई तय है.
सगे संबंधियों का रहा है क्रिमिनल रिकार्ड : दरअसल विकास एक नामचीन गैंगस्टर था. उसके भाई और अन्य सगे संबंधियों का भी क्रिमिनल रिकार्ड रहा है. इन सभी पर जुर्म के संगीन आरोप है. मुकदमें दर्ज है. इसके बाद भी पुलिस के इन अधिकारियों और कर्मियों ने विकास और उसके गुर्गों के लिए आर्मस् लाइसेंस बना दिये. वहीं जब यह बात सामने आयी तो उस समय के पुलिस अधिकारियों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है.
हुआ था एनकाउंटर : आपको बता दें कि कानपुर पुलिस मुठभेड़ का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था. पुलिस ने उसे कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. यूपी एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर सड़क मार्ग से ले जा रही थी, लेकिन भौंती बायपास के निकट गाड़ी पलटने के बाद यह एनकाउंटर हुआ.
उज्जैन से किया था गिरफ्तार : कानपुर एनकांउटर का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था. पांच लाख का इनामी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया था. वहां के गार्ड ने उसे पहचाना. उसकी पहचान होते ही वहां की पुलिस एक्शन में आयी और उसे वहीं धर दबोचा.
Posted By : Amitabh Kumar