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वाराणसी ज्ञानवापी मामला: हिन्दू पक्ष की 5 में से एक वादी वापस लेंगी अपना केस, कारण बताने से किया इनकार

मां श्रृंगार गौरी मन्दिर में दर्शन-पूजन और अन्य देवी देवताओं के विग्रहों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ ने जो मुकदमा दायर किया था. उसे वे वापस ले रहे हैं. इसकी जानकारी स्वयं विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने मीडिया के माध्यम से दी है.

Varanasi News: वाराणसी स्थित मां श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी प्रकरण में अचानक एक नया मोड़ आ गया है. दरअसल मन्दिर में दर्शन-पूजन और अन्य देवी देवताओं के विग्रहों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ ने जो मुकदमा दायर किया था. उसे वे वापस ले रहे हैं. इसकी जानकारी स्वयं विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने मीडिया के माध्यम से दी है.

केस वापस लेने का नहीं बताया कारण

उन्होंने मुकदमा वापस लेने के पीछे के कारणों पर खुलकर कोई बात नहीं करते हुए कहा कि कुछ निर्णय कभी-कभी एकाएक ऐसे लेने पड़ जाते हैं, जो किसी की भी समझ से परे होते हैं. इससे ज्यादा अभी कुछ नहीं कहूंगा. बस इतना ही कहूंगा कि कल (9 मई) मैं अपना केस अदालत में वापस ले लूंगा.

विधि सलाहकार समिति को भी किया भंग

अचानक से विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से मुकदमा वापस लेना किसी की भी समझ से परे है. इससे पहले शनिवार को सर्वे का काम रुकने के बाद जितेंद्र सिंह बिसेन ने विश्व वैदिक सनातन संघ की विधि सलाहकार समिति को भी भंग कर दिया था. एक के बाद एक उठाया जा रहा यह कदम हर किसी को भी अचरज में डाल रहा हैं.

राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने दाखिल किया था मुकदमा

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने वाराणसी की जिला अदालत में अगस्त 2021 में मुकदमा दाखिल किया था. इस मुकदमे में प्रतिवादी उत्तर प्रदेश सरकार जरिए मुख्य सचिव सिविल, डीएम वाराणसी, पुलिस कमिश्नर वाराणसी, अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के मुख्य प्रबंधक और बाबा विश्वनाथ ट्रस्ट के सचिव को बनाया गया था.

10 मई को सौंपी जानी है मामले की रिपोर्ट

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट तलब की है. 6 मई को पहली बार 18 लोगों की टीम सर्वे और वीडियोग्राफी के लिए गयी थी. पहले दिन ही प्रतिवादी पक्ष ने बैरिकेडिंग के अंदर आने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की.

प्रतिवादी पक्ष ने दी अधिवक्ता कमिश्नर बदलने की याचिका

प्रतिवादी पक्ष ने अधिवक्ता कमिश्नर पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट में दूसरा अधिवक्ता कमिश्नर बदलने की याचिका दे दी. इसके बाद सर्वे का काम पहले दिन ही रुक गया. दूसरे दिन भी सर्वे टीम का मुस्लिम प्रतिवादी पक्ष ने भारी मात्रा में भीड़ इकठ्ठा कर के अंदर जाने का विरोध कर दिया.

Also Read: ज्ञानवापी मस्जिद में पूरा नहीं हो सका सर्वे का काम, भड़काऊ नारेबाजी में 1 गिरफ्तार, 9 मई को अगली सुनवाई
9 मई को अदालत में रखेंगे पक्ष

इस पर वादी पक्ष ने आरोप लगाया कि तकरीबन 500 से ज्यादा मुस्लिम मस्जिद में मौजूद थे और उन्हें सर्वे के लिए वहां अंदर नहीं जाने दिया गया. इस वजह से वह सर्वे छोड़ कर जा रहे हैं और अब अपना पक्ष 9 मई को अदालत में रखेंगे. दोनों पक्ष 9 मई को अदालत में सुनवाई का इंतजार कर ही रहे थे कि रविवार को जितेंद्र सिंह बिसेन ने यह घोषणा कर सबको चौंका दिया कि वह अपना मुकदमा वापस ले लेंगे.

रिपोर्ट- विपिन सिंह

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