Daruharidra Benefits: आयुर्वेद में कई ऐसे पौधे हैं जो दवा के रूप में प्रयोग किए जाते हैं. उन्हीं में से एक दारूहरिद्रा है. दारूहरिद्रा हिमालय क्षेत्र में पाया जाने वाला एक पौधा है. इसे दारूहल्दी और अंग्रेजी में इण्डियन बर्बेरी भी कहा जाता है. इस पौधे का इस्तेमाल मधुमेह रोग के निजात में विशेषकर किया जाता है.
इसके अलावा यह दर्द, गठिया, हड्डी और जोड़े आदि में फायदेमंद मानी जाती है. इसका सेवन चूर्ण, रस और कढ़े के रूप में भी किया जाता है. इसकी जड़, छाल, तना आदि लाभकारी होती है. चलिए जानते हैं दारूहहरिद्रा के क्या-क्या फायदे हैं.
दारूहरिद्रा का सेवन मधुमेह की बीमारी को काबू करने में किया जाता है. इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर रोजाना सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है. ऐसे में डायबिटीज रोगियों को इसका सेवन रोजाना करना चाहिए.
दारूहरिद्रा का उपयोग गठिया और जोड़ों के दर्द की समस्या होने पर किया जाता है. इसको दूध के साथ उबालकर पीने से दर्द में काफी मदद मिलती है. इसका सेवन सुबह और शाम खाने के बाद किया जा सकता है. ऐसा करने से दर्द में काफी राहत मिलती है.
दारूहरिद्रा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं. इसलिए इसका रोजाना सेवन करने से सूजन कम हो सकती है. इसके अलावा इसका उपयोग पेट के रोगों जैसे कब्ज, अपच आदि परेशानियों से निजात पाने में किया जाता है.
दारूहरिद्रा का उपयोग त्वचा, घाव, अल्सर, एक्ने आदि की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है. कई आयुर्वेदिक दवाओं में दारूहरिद्रा का उपयोग किया जाता है. नारियल के तेल में चूर्ण मिलाकर रोजाना लगाने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं.
बदलते मौसम में बुखार समेत अन्य रोगों का होना लाजमी है, लेकिन बुखार होने पर आप दारूहरिद्रा की छाल का काढ़ा बनाकर रोजाना सेवन कर सकते हैं. ऐसा करने से बुखार से आप निजात पा सकते हैं. इसके अलावा अगर आप कान के दर्द से परेशान हैं तो दारूहरिद्रा के रस की दो से चार बूंद डाले. इससे आपको काफी आराम मिलेगा.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.